Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान की 200 में से 199 सीटों पर वोटिंग जारी है. राजस्थान की गहलोत सरकार के पास सत्ता को बरकरार रखने की चुनौती है, तो वहीं, भाजपा का लक्ष्य राजस्थान की हर पांच साल में सरकार बदलने वाले रिवाज के तहत गहलोत सरकार को सत्ता से बाहर करना है. राजस्थान में बदलेगा रिवाज या फिर कायम रहेगा गहलोत का राज, ये तो 3 दिसंबर को मतगणना के दिन ही पता चल पाएगा. फिलहाल, अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस और पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा के नेता अपने-अपने दावे कर रहे हैं.
वोटिंग से पहले कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने जोरदार अभियान किया. भाजपा की ओर से पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा जैसे केंद्रीय नेताओं ने खूब प्रचार किया. वहीं, राजस्थान के स्थानीय नेताओं में शामिल वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह शेखावत से लेकर कई अन्य नेताओं ने भी चुनावी सभाओं को संबोधित किया.
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कांग्रेस के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी ने भी बखूबी वोट अपील की. वहीं स्थानीय नेताओं में शामिल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट से लेकर तमाम नेताओं ने अपनी पिछली पांच साल की सरकार की उपलब्धियों का बखान कर जनता से सरकार बरकरार रखने की अपील की.
चुनावी अभियान के दौरान, कांग्रेस ने अशोक गहलोत सरकार के प्रगति कार्ड और कल्याणकारी योजनाओं पर जनता का ध्यान खिंचा. कांग्रेस के घोषणापत्र में राजस्थान के लोगों के लिए '7 गारंटी' की घोषणा की गई , जिसमें जाति सर्वेक्षण और परिवारों की महिला मुखियाओं को 10,000 रुपये सालाना मानदेय शामिल है.
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घोषणापत्र में एलपीजी सिलेंडर 500 रुपये, गोबर की खरीद 2 रुपये प्रति किलोग्राम, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को बढ़ाकर 50 लाख रुपये, सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली, छात्रों के लिए मुफ्त लैपटॉप/टैबलेट और रुपये, प्राकृतिक आपदा मुआवजे के रूप में प्रति परिवार 15 लाख रुपये का वादा कांग्रेस ने मतदाताओं से किया है.
भाजपा ने राज्य में भ्रष्टाचार, कानून और व्यवस्था के मुद्दों और कांग्रेस के भीतर कथित अंदरूनी कलह के आरोपों के साथ सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधा. भाजपा ने किसानों, महिलाओं और छात्रों के लिए कई कल्याणकारी उपायों का भी वादा किया. इनमें गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा, एंटी-रोमियो स्क्वाड का गठन, बेटियों वाले परिवारों के लिए 2 लाख रुपये का बचत बांड, मेधावी छात्रों के लिए मुफ्त स्कूटी योजना, सब्सिडी में वृद्धि शामिल है.
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बता दें कि राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन 199 सीटों पर मतदान जारी है, क्योंकि करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार की मौत के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया है.
कांग्रेस के प्रमुख चेहरों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान कांग्रेस चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, मंत्री शांति धारीवाल, बीडी कल्ला, भंवर सिंह भाटी, सालेह मोहम्मद, ममता भूपेश , प्रताप सिंह खाचरियावास, राजेंद्र यादव, शकुंतला रावत, उदय लाल आंजना, महेंद्रजीत सिंह मालवीय और अशोक चांदना चुनावी मैदान में हैं, जबकि पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य भी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.
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भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन राठौड़, बाबा बालकनाथ, किरोड़ी लाल मीणा, गुर्जर नेता दिवंगत किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
बता दें कि राजस्थान की 199 सीटों पर कुल 1862 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. इन प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला राजस्थान के 5 करोड़, 25 लाख, 38 हजार, 105 मतदाता करेंगे. फिलहाल, राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 107, भाजपा के 70, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के 3, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम) और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के 2-2, राष्ट्रीय लोक दल के 1 और 13 निर्दलीय विधायक हैं, जबकि दो सीटें खाली हैं.