Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए आज मतदान डाले जा रहे हैं. इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है. इस बार कई बड़े दिग्गज चुनावी मैदान में हैं, जिन पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. इस बार राजस्थान की खंडेला सीट चर्चे में हैं. यहां 3 प्रमुख चेहरे चुनावी मैदान में हैं. इन चेहरों को गहलोत, पायलट और वसुंधरा का वफादार कहा जाता है. तीनों उम्मीदवार एक दूसरे को कड़ी चुनौती दे रहे हैं.
इस बार खंडेला विधानसभा सीट से कांग्रेस ने महादेव सिंह खंडेला को चुनावी मैदान में उतारा है. इनकी गिनती मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबीयों में होती है. आपको बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में महादेव ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.
वहीं, 2018 में कांग्रेस ने यहां से सुभाष मील को मैदान में उतारा था, जो इस बार बीजेपी की ओर से चुनावी मैदान में हैं. सुभाष मील को सचिन पायलट का बेहद करीबी बताया जाता है. सचिन से उनके बहुत ही गहरा राजनीतिक संबंध है.
कांग्रेस ने इस बार सुभाष मील को टिकट नहीं दिया था तो उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था. जबकि कांग्रेस ने इस बार महादेव सिंह खंडेला को टिकट दिया है.
वहीं, पिछली बार बीजेपी के उम्मीदवार रहे बंशीधर बाजिया इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. न तो बीजेपी और न ही कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया. बंशीधर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं.
ऐसे में इस बार खंडेला सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. अशोक गहलोत, सचिन पायलट और वसंधुरा राजे तीनों ही नेताओं के करीबी और वफादार कहे जाने वाले नेता चुनावी मैदान में एक दूसरे को कड़ी चुनौती दे रहे हैं. सभी अपनी जीत के दावे भी कर रहे हैं.
इस बार खंडेला सीट का पूरा समीकरण बदल गया है. ऐसे में जनता किसको विधानसभा भेजेगी यह देखना दिलचस्प होगा. पिछली बार बीजेपी की ओर से बंशीधर बाजिया चुनाव हार गए थे लेकिन कहा जा रहा है कि इस बार वो कड़ी टक्कर दे रहे हैं. खंडेला बाजिया परिवार का गढ़ माना जाता है. लंबे अरसे तक इसी परिवार के लोग खंडेला से चुनाव जीतते आ रहे हैं.
खंडेला जाट बाहुल्य सीट है. वहीं, बंशीधर बाजिया के अलावा सुभाष मील और महादेव सिंह खंडेला भी जाट समुदाय से ही आते हैं. ऐसे में तीनों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है.
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