कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है. पत्र उन्होंने लिखा है कि मैं केरल, गुजरात और अंडमान एवं निकोबार के तट पर अपतटीय खनन की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले की कड़ी निंदा करता हूं. हमारे तटीय समुदाय अपतटीय खनन के लिए निविदाएं जारी करने के तरीके का विरोध कर रहे हैं, बिना इसके पर्यावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन किए. लाखों मछुआरों ने अपनी आजीविका और जीवन शैली को लेकर चिंतित हैं.
राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा कि तटीय क्षेत्रों में रहने वाले समुदाय इस निर्णय के खिलाफ हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बिना पर्यावरणीय प्रभावों का मूल्यांकन किए ही अपतटीय खनन परियोजनाओं को आगे बढ़ा रही है. इस फैसले से लाखों मछुआरों की आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में होने वाले बदलाव उनके जीवन और रोज़गार को प्रभावित कर सकते हैं.
Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi writes to PM Narendra Modi
— ANI (@ANI) March 29, 2025
The letter reads, "I strongly condemn the central government's decision to permit offshore mining along the coast of Kerala, Gujarat, and Andaman & Nicobar. Our coastal communities have been protesting… pic.twitter.com/XwEGdV3WM2
इस मुद्दे पर तटीय क्षेत्रों में रहने वाले मछुआरों ने भी विरोध जताया है. वे इस बात से चिंतित हैं कि खनन गतिविधियों से समुद्र की जैव विविधता को नुकसान होगा, जिससे उनकी आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. समुद्र में अनियंत्रित खनन से समुद्री जीवन और मत्स्य संसाधनों पर खतरा पैदा हो सकता है, जिससे मछली पकड़ने का व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित होगा.
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह इस परियोजना पर पुनर्विचार करे और तुरंत प्रभाव से अपतटीय खनन ब्लॉकों के लिए जारी निविदाओं को रद्द करे. उन्होंने कहा कि बिना उचित आकलन और प्रभावित समुदायों से विचार-विमर्श किए इस तरह के फैसले लेना सही नहीं है.