लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को सदन में अपनी बातें कही थीं. उन्होंने कुछ ऐसे तथ्य भी रखे जिसे लेकर सत्ता पक्ष ने आपत्ति जताई थी. बाद में राहुल गांधी की कुछ बातों को स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही से बाहर कर दिया. यानी इन बातों को रिकॉर्ड से हटा दिया गया. अब राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखी है. राहुल गांधी ने कहा है कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वह खुद को मिले अधिकार के तहत कहा और वे सारी बातें तथ्य हैं. उन्होंने अनुराग ठाकुर के भाषण का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने स्पीकर से कहा है कि इस तरह से सेलेक्टिव बातें हटाना तर्क से हटकर है.
राहुल गांधी ने अपनी चिट्ठी में लोकसभा बिजनेस के रूल नंबर 380 का हवाला देते हुए अपनी बात रखी है. उन्होंने लिखा है, 'मैं हैरान हूं कि कि किस तरह से मेरे भाषण का बहुत बड़ा हिस्सा संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया है. मैं 2 जुलाई की हुई बहस के असंशोधित हिस्सों को इस लेटर के साथ संलग्न कर रहा हूं. मैं यहां कहना चाहूंगा कि मेरे भाषण के जिन हिस्सों को रूल 380 के तहत निकाला गया है, वे इस नियम के तहत आते ही नहीं हैं. मैं सदन में जो कहा है वह जमीनी सच्चाई और तथ्य है.'
Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi writes to Speaker Om Birla over the remarks and portions from his speech expunged; requests that the remarks be restored.
— ANI (@ANI) July 2, 2024
The letter reads, "...Shocked to note the manner in which considerable portion of my speech have been simply… pic.twitter.com/zoD8A0xvlc
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आगे लिखा है, 'जो भी सदस्य लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है उसे बोलने की आजादी का अधिकार है जैसा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 105 (1) में दिया है. संसद के हर सदस्य को सदन में लोगों के मुद्दों और उनकी समस्याओं को उठाने का अधिकार है. मुझे भी वही अधिकार है जिसका इस्तेमाल कल मैं कर रहा था.' राहुल गांधी ने लिखा है कि उनकी बातों को हटाया जाना संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ है.
अनुराग ठाकुर के भाषण का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने लिखा है, 'इसी संदर्भ में मैं अनुराग ठाकुर के भाषण का जिक्र करना चाहता हूं. उनका भाषण आरोपों से भरा हुआ हुआ था लेकिन उनके भाषण से सिर्फ एक शब्द हटाया गया! मैं आपके प्रति भरपूर सम्मान जताते हुए यह कहना चाहूंगा कि इस तरह से शब्दों को हटाना समझ के परे है. मैं आपसे मांग करता हूं कि हटाए गए शब्दों को फिर से रिकॉर्ड पर लाया जाए.'
बता दें कि राहुल गांधी ने अग्निवीर, हिंदुत्व, किसान, बेरोजगारी और मणिपुर हिंसा के मुद्दों को सदन में उठाया था. इसमें से कुछ बातों को सदन की कार्यवाही से बाहर कर दिया गया है.