Rahul Gandhi US Visit: 'सरकार दबाने की कोशिश करती है', अमेरिकी दौरे पर गए राहुल गांधी ने छात्रों के बीच क्या-क्या कहा?

Rahul Gandhi US Visit: कांग्रेस के सीनियर नेता और रायबरेली से कांग्रेस सासंद राहुल गांधी रविवार को अपनी तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा के लिए टेक्सास के डलास पहुंचे. कांग्रेस सांसद का एयरपोर्ट पर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा और भारतीय समुदाय के लोगों ने स्वागत किया.

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Rahul Gandhi US Visit: राहुल गांधी ने अमेरिका में छात्रों से बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर बातचीत की. इनमें सबसे महत्वपूर्ण रोजगार पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में कुछ चुनिंदा लोगों को ही कई बड़े प्रोजेक्ट्स दिए जाते हैं, जिसकी वजह से मेनुफैक्चरिंग सेक्टर की हालत बहुत ज्यादा ठीक नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो देश में भयंकर सामाजिक समस्या पैदा हो जाएंगी.

कांग्रेस के सीनियर नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में छात्रों के बीच इंडियन पॉलिटिक्स, इकोनॉमी, जॉब समेत कई मुद्दों पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा पर भी चर्चा की.  लोकसभा में विपक्ष के नेता और रायबरेली से कांग्रेस सांसद तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर एक दिन पहले टेक्सास के डलास पहुंचे. 

राहुल गांधी बोले- सुनना, बोलने से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण

अपने करियर की शुरुआत और अब की तुलना में क्या उनके नजरिए में कोई बदलाव आया है, इस बारे में बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आप हर मुद्दे को नहीं उठाते बल्कि बुनियादी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं. उन्होंने कहा कि अब मैं इस निष्कर्ष पर पहुंच रहा हूं कि सुनना बोलने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. सुनने का मतलब है खुद को आपकी स्थिति में रखना. अगर कोई किसान मुझसे बात करता है, तो मैं खुद को उनके दैनिक जीवन में शामिल करने की कोशिश करूंगा और समझूंगा कि वे क्या कहना चाह रहे हैं. सुनना मौलिक है और फिर गहन गतिशीलता को समझना.

इंडियन पॉलिटिक्स पर भी राहुल गांधी ने की बात

अपने जीवन के एक दिन के बारे में बोलते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्ष मूलतः जनता की आवाज है. संसद के दिनों में घटनाओं का एक क्रम चलता रहता है. लेकिन, अन्यथा यह 'कहां' और 'कैसे' मैं भारत के लोगों के मुद्दे उठा सकता हूं, यह एक समस्या है. आपको एक व्यक्ति, समूह, उद्योग, किसानों के नजरिए से सोचना होगा और महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे संवेदनशीलता के साथ और ध्यान से सुनने और समझने के बाद किया जाना चाहिए.

रायबरेली से सांसद ने कहा कि जब उनके सामने कोई मुद्दा आता है तो वह उसकी बारीकियों और जटिलताओं को समझने की कोशिश करते हैं और उसी के अनुसार दिन की योजना बनाते हैं. उन्होंने कहा कि अक्सर, जब आप कोई मुद्दा देखते हैं, तो आपको उसकी बारीकियां और जटिलताएं समझ में आती हैं और आप उसी के अनुसार अपने दिन की योजना बनाते हैं.

राहुल गांधी ने कहा कि संसद के दौरान, आप सुबह वहां जाते हैं और वहां शब्दों का युद्ध होता है, युद्ध सुखद और मज़ेदार होता है, लेकिन कभी-कभी बुरा भी हो जाता है. यह विचारों और शब्दों का युद्ध है. हम अपना दृष्टिकोण रखने की कोशिश करते हैं और सरकार इसे दबाने की कोशिश करती है. 

उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय राजनीति में नफरत वाला माहौल था, जिसे उन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के जरिए बदल दिया. अब भारत में मोहब्बत और भाईचारे की राजनीति की शुरुआत हुई है.

भारत में रोजगार के हालातों पर भी की चर्चा

राहुल गांधी ने देश में रोजगार को प्रमुख मुद्दा बताया और कहा कि सरकार ने देश में प्रोडक्शन पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि पड़ोसी मुल्क ने प्रोडक्शन पर फोकस रखा, वहां रोजगार की समस्या नहीं है.

कारोबारियों के कर्ज माफ किए जाने पर भी रखी अपनी राय

राहुल गांधी ने इंडियन बैंकों की ओर से कुछ बड़े कारोबारियों को दिए गए कर्ज को माफ किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि देश में मात्र 25 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपए लोन बैंकों की ओर से माफ किया गया है. उन्होंने कहा कि ये रकम काफी ज्यादा है, इससे देश में कई काम हो सकते हैं.