Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में संसद में दलित आदिवासी और ओबीसी समुदाय के छात्रों व शिक्षकों से मुलाकात की थी. जिसके बाद उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर 'रोहित वेमुला एक्ट' लागू करने की बात कही है. इस बात की जानकारी उन्होंने खुद अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट कर दी है.
राहुल गांधी ने लिखा कि, 'इन छात्रों ने बताया कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उन्हें जाति के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है. यह स्थिति न केवल शैक्षिक विकास को बाधित करती है, बल्कि सामाजिक समरसता को भी कमजोर करती है.'
हाल ही में संसद में मेरी मुलाक़ात दलित, आदिवासी और OBC समुदाय के छात्रों और शिक्षकों से हुई थी। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें किस तरह कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में जाति के आधार पर भेदभाव झेलना पड़ता है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 18, 2025
बाबासाहेब अंबेडकर ने दिखाया था कि शिक्षा ही वह साधन है जिससे… pic.twitter.com/gAwJxr0CIG
कॉलेज में जातिवाद एक गंभीर समस्या
बाबासाहेब अंबेडकर ने शिक्षा को वंचित वर्गों के सशक्तिकरण का सबसे बड़ा हथियार बताया था. उनका मानना था कि शिक्षा के माध्यम से जातिगत भेदभाव को ख़त्म किया जा सकता है. लेकिन दशकों बाद भी हमारी शिक्षा व्यवस्था में लाखों छात्र जातिवाद का शिकार हो रहे हैं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी उच्च शिक्षण संस्थानों में ऐसी मानसिकता कायम है, जो समानता के सिद्धांतों को ठेस पहुंचती है.
रोहित वेमुला एक्ट लागू करने की रखी मांग
राहुल गांधी ने आगे कहा कि जातिगत भेदभाव के कारण रोहित वेमुला, पायल तड़वी और दर्शन सोलंकी जैसे प्रतिभाशाली छात्रों की जान चली गौ. ये घटनाएं न केवल हृदयविदारक हैं, बल्कि समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है. ऐसी घटनाओं को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता. इसी दिशा में, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जी को पत्र लिखकर आग्रह किया गया है कि "रोहित वेमुला एक्ट" लागू किया जाए. यह कानून सुनिश्चित करेगा कि भारत का कोई भी बच्चा उस जातिवाद का शिकार न बने.