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India Daily

पुणे यौन उत्पीड़न मामला: POCSO के तहत केस दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस

पुलिस ने मामले में 2 अक्टूबर को भारतीय न्याय संहिता की धारा 64, 65(2) व यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया

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Edited By: Madhvi Tanwar
PUNE
Courtesy: Social Media

पुणें में स्कूली बस ड्राइवर द्वारा 4 वर्षीय 2 मासूम बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न मामले में पुलिस ने कार्रवाई आगे बड़ा दी है. 30 सितंबर को 45 वर्षीय बस ड्राइवर ने इस शर्मसार घटना को अंजाम दिया था. पुलिस ने मामले में 2 अक्टूबर को भारतीय न्याय संहिता की धारा 64, 65(2) व यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है. 

चश्मदीदों ने दी जानकारी

इस घटना के बाद पुणे में माहौल गर्म है. दरअसल आरोपी जिस स्कूल का बस ड्राइवर है वह एक प्रतिष्ठित स्कूलों की श्रेणी में आता है. ड्राइवर स्कूली छात्राओं को बस में ले जाने का काम कर था. इस घटना के समय पीड़ित दोनों छात्राएं बस में पिछली सीट पर बैठी थी. चश्मदीदों का कहना है कि ड्राइवर ने लड़कियों के पास बैठकर अनुचित यौन व्यवहार प्रदर्शित किया था. इस दौरान आरोपी ने कथित तौर पर दोनों छात्राओं को धमकी भी दी. 

आरोपी मुठभेड़ में हुआ ढ़ेर

ऐसा ही एक मामला प्री-प्राइमरी स्कूल में सफाईकर्मी द्वारा यौन उत्पीड़न का सामने आया. इसके 2 महीने बाद यह मामला सामने आया. पुलिस ने आरोपी अक्षय शिंदे को 16 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था जो बाद में मुठभेड़ में ढे़र हो गया था. पीड़ित दोनों लड़कियों के परिजनों ने अपने साथ हुए इस हादसे की जानकारी स्कूल प्रिंसिपल को दी थी, उन्होंने स्कूल ट्रस्ट के अध्यक्ष उदय कोतवाल व ट्रस्ट सचिव तुषार आप्टे को भी जानकारी दी. 

दोनों मामलों में पोक्सो के तहत केस दर्ज 

दोनों ने मामले में तुरंत कार्रवाई नहीं की. वह इस प्रकार बदलापुर ईस्ट पुलिस स्टेशन में दर्ज 2 FIR में उनके खिलाफ केस दर्ज किया था. दरअसल नाबालिगों से यौन उत्पीड़न मामले में रिपोर्ट दर्ज न करना POCSO अधिनियम, 2012 के तहत कानूनी तौर पर दंडनीय अपराध है। ऐसे में अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करने वाली है. क्या आरोपी को सजा दिलवाई जाएगी?