वार्डन का तुगलकी फरमान! गर्ल्स हॉस्टल में लड़कियों ने रात में ऐसा क्या मंगवाया कि 4 छात्राएं हो गई रेस्टीकेट, जानें क्या है पूरी कहानी?

पिज्जा का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है, लेकिन पुणे में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां पिज्जा ऑर्डर करने के चलते चार छात्राओं को हॉस्टल से बाहर कर दिया गया. यह मामला पिंपरी चिंचवड़ के मोशी क्षेत्र स्थित समाज कल्याण विभाग के गर्ल्स हॉस्टल का है.

canva ai

पिज्जा का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है, लेकिन पुणे में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां पिज्जा ऑर्डर करने के चलते चार छात्राओं को हॉस्टल से बाहर कर दिया गया. यह मामला पिंपरी चिंचवड़ के मोशी क्षेत्र स्थित समाज कल्याण विभाग के गर्ल्स हॉस्टल का है.

दरअसल, हॉस्टल में रह रही कुछ छात्राओं ने दो दिन पहले ऑनलाइन पिज्जा मंगवाया था. जब हॉस्टल की वार्डन मीनाक्षी नारहारे को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई और एक कठोर निर्णय लिया.। वार्डन ने छात्राओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए चार छात्राओं को एक महीने के लिए हॉस्टल में प्रवेश करने से रोक दिया.

एक छात्रा ने मंगवाया पिज्जा, चारों पर गिरी गाज

रिपोर्ट के अनुसार, चारों छात्राएं एक ही कमरे में रहती थीं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि पिज्जा किसने मंगवाया था. इसीलिए, वार्डन ने चारों को दोषी मानते हुए सभी को सजा सुना दी. हॉस्टल प्रशासन ने 8 फरवरी तक छात्राओं को यह कबूल करने का समय दिया कि पिज्जा ऑर्डर किसने किया था, अन्यथा चारों का हॉस्टल प्रवेश एक महीने के लिए प्रतिबंधित रहेगा.

छात्राओं के अभिभावकों ने जताई नाराजगी

हॉस्टल प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ छात्राओं के अभिभावकों ने नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि पिज्जा मंगवाने जैसी छोटी सी बात के लिए इतनी कठोर सजा देना सही नहीं है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब अभिभावकों को बुलाया गया, तो छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन की बजाय अन्य असंबंधित विषयों पर चर्चा की गई.

क्या कहता है हॉस्टल प्रशासन?

हॉस्टल प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा कारणों से बाहरी व्यक्ति या बाहरी खाना मंगाने पर रोक है. नियमों के उल्लंघन के चलते ही छात्राओं पर यह कार्रवाई की गई. हालांकि, सामाजिक न्याय विभाग ने अब तक इस आदेश को लेकर कोई स्पष्टता नहीं दी है, जिससे मामला और विवादास्पद हो गया है.

मंत्री संजय शिरसाट का बयान

इस मामले पर अब तक समाज कल्याण विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन हाल ही में सामाजिक न्याय विभाग के मंत्री संजय शिरसाट ने छात्रों की समस्याओं को लेकर सक्रियता दिखाई थी. उन्होंने छत्रपति संभाजीनगर के एक हॉस्टल का दौरा कर अधिकारियों को छात्रों की असुविधाओं को दूर करने की चेतावनी भी दी थी. इस पूरे मामले ने छात्रों और अभिभावकों के बीच हलचल मचा दी है. क्या पिज्जा ऑर्डर करने पर इतनी सख्त कार्रवाई सही है या इसे लेकर नियमों में बदलाव की जरूरत है? यह सवाल अब चर्चा का विषय बन गया है.