राहुल गांधी पेश हों..! पुणे की अदालत ने किया समन, जानें क्या है मामला

Pune Court Summons Rahul Gandhi: शुक्रवार को पुणे की एक अदालत ने राहुल गांधी को एक आपराधिक मानहानि मामले में समन जारी किया है. याचिका दिवंगत विनायक दामोदर सावरकर के भतीजे द्वारा दायर की गई थी. उन्होंने कांग्रेस नेता पर सावरकर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है. बताया गया है कि राहुल गांधी ने पिछले साल UK दौरे पर ये बयान दिया था.

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Pune Court Summons Rahul Gandhi: पुणे की एक अदालत ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि के मामले में समन जारी किया है. उनके 23 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है. यह समन वीर सावरकर के के परिवार द्वारा दायर की गई याचिका पर आया है. सत्यकी सावरकर (सावरकर के पौत्र) का आरोप है कि राहुल गांधी ने इस साल की शुरुआत में यूनाइटेड किंगडम (UK) की यात्रा के दौरान वीर सावरकर पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं.

सत्यकी सावरकर ने अदालत में बताया कि राहुल गांधी के बयानों से सावरकर परिवार की मानहानि हुई है, जिसके चलते उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने इस मामले में राहुल गांधी को 23 अक्टूबर को पेश होने का आदेश दिया है.

झूठे आरोपों का आरोप

सत्यकी सावरकर का कहना है कि राहुल गांधी वर्षों से विभिन्न मौकों पर वीर सावरकर को बदनाम और अपमानित कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 5 मार्च 2023 को UK में ओवरसीज कांग्रेस के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने जानबूझकर सावरकर के खिलाफ झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए. इससे  उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची.

पुनरावृत्ति की शिकायत

पिछले साल अप्रैल में सत्यकी सावरकर ने पुणे की एक मजिस्ट्रेट अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई. यह शिकायत 5 मार्च 2023 को लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों से संबंधित है. अब इसी मामले में राहुल गांधी को 23 अक्टूबर को अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है.

अलग मानहानि मामले में समन

हाल ही में, नासिक की एक अदालत ने भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक अलग मानहानि के मामले में समन जारी किया है. यह मामला एक एनजीओ के निदेशक द्वारा दायर किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी ने हिंगोली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस और नवंबर 2022 में एक भाषण के दौरान वीर सावरकर की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई थी.