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Pulwama Attack: जब देश ने खोए थे अपने 44 शूरवीर, 14 फरवरी को कभी नहीं भूल सकता भारत, जानें क्या हुआ था इस दिन

14 फरवरी, चाहे वह पुलवामा हमले के कारण दुख का दिन हो या वैलेंटाइंस डे के रूप में प्रेम का प्रतीक, यह दिन भारतीयों के लिए हमेशा यादगार रहेगा. यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हम किसी भी परिस्थिति में अपने मूल्यों, प्रेम और शांति की रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहें.

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Edited By: Reepu Kumari
Pulwama Attack
Courtesy: Pinterest

14 फरवरी का दिन भारतीय इतिहास में एक दिल दहला देने वाली घटना के साथ अंकित है. यह घटना जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में घटित हुई थी, जब आतंकवादियों ने इस दिन को देश के सुरक्षा बलों पर कायराना हमला करने के लिए चुना.

इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदी एक वाहन को सीआरपीएफ के जवानों की बस से टक्कर मारी, जिससे 39 जवान शहीद हो गए और कई गंभीर रूप से घायल हो गए. यह हमला भारत के लिए एक गहरा सदमा बनकर आया और आज भी उस दिन का दर्द ताजा है.

पुलवामा हमले की यादें और उसकी गहरी छाप

14 फरवरी 2019 को हुआ पुलवामा आतंकी हमला भारतीय सुरक्षा बलों पर अब तक के सबसे बड़े और कायराना हमलों में से एक था. यह हमला न केवल सेना के जवानों के लिए एक गहरा आघात था, बल्कि पूरे देश के लिए भी एक कठिन समय था. इस दिन को भारतीयों ने कभी नहीं भुलाया, और आज भी यह दुखद घटना हमें आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष की याद दिलाती है.

वैलेंटाइंस डे: प्रेम का प्रतीक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

14 फरवरी का दिन सिर्फ पुलवामा हमले के कारण ही याद नहीं किया जाता. इस दिन को वैलेंटाइंस डे के रूप में भी मनाया जाता है, जिसे प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाता है. इस दिन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी बेहद दिलचस्प है. तीसरी शताब्दी में रोम के एक क्रूर सम्राट ने प्रेम करने वालों पर जुल्म ढाए थे, तब पादरी वैलेंटाइन ने सम्राट के आदेशों का विरोध करते हुए प्रेम का संदेश फैलाया. उनके इस साहसिक कदम के लिए सम्राट ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और 14 फरवरी 269 ईस्वी को उन्हें फांसी दे दी. उनके बलिदान की याद में आज भी इस दिन को प्रेम और समर्पण के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है.

वैलेंटाइंस डे पर विरोध और समर्थन

हालांकि, इस दिन को मनाने को लेकर कुछ लोग विरोध भी करते हैं, क्योंकि वे इसे पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव मानते हैं और भारतीय संस्कृति के खिलाफ मानते हैं. फिर भी, बहुत से लोग इसे एक दिन के रूप में मानते हैं, जो प्रेम, रिश्तों और स्नेह को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

14 फरवरी, चाहे वह पुलवामा हमले के कारण दुख का दिन हो या वैलेंटाइंस डे के रूप में प्रेम का प्रतीक, यह दिन भारतीयों के लिए हमेशा यादगार रहेगा. यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हम किसी भी परिस्थिति में अपने मूल्यों, प्रेम और शांति की रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहें.