Priyanka Panwar Uttar Pradesh First Woman SPOT Commando: कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों... ये लाइन प्रियंका पंवार पर सटीक बैठती हैं. प्रियंका पंवार उत्तर की कहानी आज उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश को जानने की जरूरत है. वे यूपी एटीएस की पहली महिला स्पॉट कमांडो हैं. योगी सरकार के मंत्री और पूर्व IPS अधिकारी असीम अरुण ने इस जांबाज महिला पुलिसकर्मी की प्रेरणादायक कहानी और उनकी प्रेरक यात्रा अपने सोशल मीडिया पर शेयर की है.
असीम अरुण ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर एक कहानी शेयर की है. इसमें उन्होंने बताया है कि कैसे एक जांबाज के लिए उन्हें प्रावधानों में बदलाव करना पड़ा. प्रियंका पंवार नाम की एक लड़की ने उनसे मुलाकात की और एसपीओटी इकाई (स्पॉट यूनिट) में शामिल होने की इच्छा दिखाई, जिसमें सिर्फ यूपी पुलिस के पुरुष कर्मियों को प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होन की अनुमति थी.
साल 2011 में पहलवान प्रियंका पंवार उत्तर प्रदेश पुलिस में शामिल हुईं. इसके बाद वे 2017 में यूपी एटीएस की SPOT यूनिट का हिस्सा बनीं. असीम अरुण ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि उत्तर प्रदेश पुलिस एटीएस की स्पेशल पुलिस ऑपरेशंस टीम (एसपीओटी) की कमांडो प्रियंका पंवार से मिलिए. उनके कमांडो बनने की कहानी काफी दिलचस्प है.
उन्होंने लिखा कि जब सीएम योगी ने मुझे एटीएस प्रमुख के रूप में एसपीओटी गठित करने का आदेश दिया, तो सभी पुलिस और पीएसी से जवानों के नाम मांगे गए. इस दौरान कई पुरुष पुलिसकर्मी आते थे और परीक्षा देते थे. लेकिन परीक्षा इतनी कठिन थी कि कुछ ही पास हो पाते थे. एक दिन SPOT के इंस्पेक्टर ने मुझे बताया कि एक लड़की भी परीक्षा देने आई है. क्या करें? इसके बाद मैंने लड़की को मिलने के लिए बुलाया. उसी समय मेरी प्रियंका से पहली बार मुलाकात हुई.
पहली बार प्रियंका मेरे सामने आईं और उन्होंने मुझसे कहा कि सर, मैं भी कमांडो बनूंगी, मैं रेसलर हूं. लड़की में काफी उत्साह था और स्पोर्ट्स में होने के कारण फिटनेस भी थी. इसके बाद मुझे लगा कि मैंने बहुत बड़ी गलती की है (क्योंकि) हमने जो आवेदन मांगे थे, उनमें महिला पुलिस कर्मी या अधिकारियों का प्रावधान नहीं रखी था. असीम अरुण ने कहा कि हमने गलती सुधारी और प्रियंका को परीक्षा देने की अनुमति दी. इसके बाद प्रियंका का चयन हुआ और SPOT की ट्रेनिंग में हिस्सा लिया.
उन्होंने कहा कि प्रियंका ने ट्रेनिंग के दौरान बहुत अच्छा प्रदर्शन किया. उनसे प्रेरणा लेकर अन्य लड़कियां भी SPOT टीम का हिस्सा बनीं और खतरनाक ऑपरेशंस में भाग लिया. उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा कि चाहे जोखिम लेने की बात हो या दक्षता की, हमारी बेटियां किसी से कम नहीं हैं.
यूपी एटीएस की ओर से साल 2017 में खुफिया जानकारी जुटाने, आतंकवाद विरोधी और नक्सल विरोधी अभियान चलाने के लिए विशेष पुलिस संचालन दल (एसपीओटी) का गठन किया गया था. SPOT के सदस्यों को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. इसके साथ ही वे हाईटेक हथियारों और एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस होते हैं. वर्तमान में इसकी पांच टीमें हैं, जो उत्तर प्रदेश के अलग-अलगविभिन्न जिलों में स्थित हैं.