menu-icon
India Daily

प्रियंका गांधी फिलिस्तीन लिखा बैग लेकर पहुंची संसद तो सोशल मीडिया पर क्यों छिड़ गई वॉर

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसपर 'फिलिस्तीन' शब्द लिखा है. यह बैग लेकर प्रियंका गांधी संसद पहुंची थी. इस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर लोग तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. 

auth-image
Edited By: Kamal Kumar Mishra
Priyanka Gandhi
Courtesy: x

Priyanka Gandhi: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी को एक बैग ले जाते हुए देखा गया, जिस पर कथित तौर पर 'फिलिस्तीन' शब्द लिखा हुआ था. बिना तारीख वाली इस तस्वीर में प्रियंका गांधी मुस्कुराते हुए बैग के साथ अपने कंधे पर नजर गड़ाए हुए दिखाई दे रही हैं. यह तस्वीर कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने सोमवार (16 दिसंबर) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया.

फोटो पोस्ट करने के कुछ ही मिनटों के भीतर पोस्ट खतरनाक कमेंट्स आने लगे. लोगों ने प्रियंका गांधी के बैग ले जाने के विकल्प को अस्वीकार कर दिया. एक यूजर ने कहा कि 'विजय दिवस' पर हमास जैसे संगठन का समर्थन करना अच्छी बात नहीं है, जिस दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में पाकिस्तानी सेना को हराया था. प्रियंका गांधी इंदिरा गांधी की पोती हैं.

हजारों लोगों ने दी प्रतिक्रिया

टिप्पणी में कहा गया कि यह उचित होता यदि प्रियंका गांधी ने भारत की विजय का प्रतीक कोई वस्तु चुनी होतीं. पोस्ट में कहा गया, "उन्हें तुरंत अपने सलाहकारों को बर्खास्त कर देना चाहिए..."इस पोस्ट को भारी संख्या में समर्थक भी मिले. कुछ ही मिनटों में हजारों लोगों ने इस पोस्ट पर प्रतिक्रियाएं दी हैं. 

हमास ने इजरायल पर किया था हमला

फिलीस्तीन इस समय इजरायल और हमास के बीच युद्ध का गवाह बन रहा है. पिछले साल अक्टूबर में हमास द्वारा इजरायली क्षेत्र पर हमला किए जाने के बाद युद्ध छिड़ गया था. एक हजार से ज्यादा इजरायलियों के नरसंहार के बाद इजरायली सेना ने एक जबरदस्त सैन्य अभियान शुरू किया, जिसके तहत उसकी सेना फिलिस्तीनी क्षेत्रों में घुस गई.

तब से गाजा में हजारों फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं और यहां तक ​​कि गाजा के अस्पतालों में भी इजरायली सेना और हमास आतंकवादियों के बीच लड़ाई देखी गई है.

इजरायल-हमास में जंग जारी

हालांकि, दुनिया ने हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले की खुलकर निंदा की, लेकिन जल्द ही इसका स्वर बदल गया क्योंकि व्यापक मानवाधिकार उल्लंघन की रिपोर्टें सामने आईं. युद्ध आज भी जारी है और इसका कोई स्थायी समाधान नजर नहीं आ रहा है. इस वजह से दुनिया भर में कई लोगों ने फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए अपना समर्थन जताया है.