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India Daily

'दुनिया के शीर्ष-50 शैक्षणिक संस्थानों में एक भी भारतीय नहीं...', राष्ट्रपति मुर्मू ने चिंता व्यक्त करते हुए किया ये आह्वान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को जोर देकर कहा कि दुनिया की सबसे पुरानी ज्ञान परंपरा वाले देश भारत के किसी भी शैक्षणिक संस्थान के टॉप 50 वैश्विक संस्थानों में शामिल नहीं होने पर विचार करने की जरूरत है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
President Droupadi Murmu

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को जोर देकर कहा कि दुनिया की सबसे पुरानी ज्ञान परंपरा वाले देश भारत के किसी भी शैक्षणिक संस्थान के टॉप 50 वैश्विक संस्थानों में शामिल नहीं होने पर विचार करने की जरूरत है. आईआईटी खड़गपुर के 69वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते  हुए राष्ट्रपति ने रैंकिंग की बजाय अच्छी शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि एक अच्छी रैंकिंग दुनियाभर के छात्रों और शिक्षकों को आकर्षित करती है और देश की प्रतिष्ठा भी बढ़ाती है.

'रैंकिंग से ज्यादा अच्छी शिक्षा महत्वपूर्ण'

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'विश्व की सबसे प्राचीन ज्ञान परंपरा वाले इतने विशाल देश का एक भी शिक्षण संस्थान विश्व के शीर्ष 50 शिक्षण संस्थानों में शामिल नहीं है. रैंकिंग की दौड़ अच्छी शिक्षा से अधिक महत्वपूर्ण नहीं है. लेकिन अच्छी रैंकिंग न केवल दुनिया भर के छात्रों और अच्छे संकाय को आकर्षित करती है बल्कि देश की प्रतिष्ठा भी बढ़ाती है.' उन्होंने देश के सबसे पुराने संस्थान आईआईटी खड़गपुर से इस दिशा में अपने प्रयास तेज करने का आह्वान किया.

उन्होंने कहा कि आईआईटी खड़गपुर जैसे संस्थानों को इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के जरिये देश को आगे ले जाने में अपनी भूमिका निभानी होगी. संस्थान को नई तकनीक विकसित करने और उसे क्रियान्वित करने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाने होंगे.

'असमानता मिटने में हो तकनीक का इस्तेमाल'

सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने में टेक्नोलॉजी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सभी को टेक्नोलॉजी  का अधिकार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि टेक्नोलॉजी का उपयोग समाज में असमानताओं को बढ़ाने के बजाय सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने में किया जाना चाहिए.

टॉप-10 संस्थानों में शामिल होगा आईआईटी खड़गपुर- निदेशक

राष्ट्रपति के आह्वान पर संस्थान के निदेशक वी.के तिवारी ने करा कि 2030 तक आईआईटी खड़गपुर दुनिया के टॉप 10 संस्थानों में शामिल होगा. दीक्षांत समारोह के दौरान करीब 3200 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई.