नई दिल्ली: नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनने के बाद सियासी उथल-पुथल का दौर शुरू हो गया है. नई सरकार के गठन के बाद अब RJD कोटे से विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है. NDA नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को हटाने के लिए विधानसभा सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है.
बीजेपी नेता नंद किशोर यादव और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, जीतन राम मांझी, जेडीयू के विनय कुमार चौधरी, रत्नेश सादा और एनडीए गठबंधन के अन्य विधायकों ने नोटिस देकर अवध बिहारी चौधरी को विधानसभा के पद से हटाने की मांग की है. बिहार विधानसभा में संख्या बल की बात करें तो एनडीए गठबंधन के पास 128 विधायक हैं तो विपक्षी महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं. ऐसे में स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सदन में आ सकता है. अगर वह इस्तीफा नहीं देते है तो NDA बहुमत के आधार उन्हें विधानसभा अध्यक्ष के पद से हटा सकती है.
243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में राजद 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, उसके बाद बीजेपी के 78, जदयू के 45 और कांग्रेस के 19 विधायक हैं. वहीं वाम दलों के पास 16 विधायक हैं जबकि HAM के पास चार और और AIMIM के पास एक विधायक हैं. इसके साथ एक निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह है. नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार से नाता तोड़कर नौवीं बार NDA गठबंधन के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, वहीं बीजेपी और जदयू को कोटे से तीन-तीन मंत्रियों HAM से एक और एक निर्दलीय विधायक ने मंत्री पद की शपथ ली. शपथ लेने वाले मंत्रियों में सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, प्रेम कुमार बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी और श्रवण कुमार, संतोष सुमन और निर्दलीय सुमित कुमार सिंह का नाम शामिल हैं.