menu-icon
India Daily

'केजरीवाल ने नहीं की होती ये गलती...', प्रशांत किशोर ने बताया दिल्ली में क्यों गई आप की सरकार

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की अपमानजनक हार पर टिप्पणी की है. उन्होंने चुनाव से पहले उनकी गलतियों को भी उजागर किया है.

auth-image
Edited By: Mayank Tiwari
जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल
Courtesy: Social Media

जन सूरज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की हार के पीछे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कुछ रणनीतिक गलतियों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि केजरीवाल का शराब नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा नहीं देना, और बेल मिलने के बाद इस्तीफा देने का निर्णय पार्टी के लिए हानिकारक साबित हुआ.

केजरीवाल का इस्तीफा न देना था बड़ी गलती

प्रशांत किशोर ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि केजरीवाल को अपनी गिरफ्तारी के बाद तुरंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था. किशोर ने कहा,"जब वह शराब नीति मामले में गिरफ्तार हुए थे, तब उन्हें इस्तीफा देना चाहिए था. लेकिन बेल मिलने के बाद इस्तीफा देना और फिर चुनावों से पहले किसी अन्य को मुख्यमंत्री नियुक्त करना एक बड़ी रणनीतिक गलती थी.

INDIA गठबंधन में अस्थिरता और पार्टी की हार

किशोर ने यह भी बताया कि केजरीवाल की अस्थिर राजनीतिक स्थिति ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया. उन्होंने कहा, "पहले तो उन्होंने विपक्ष के INDIA गठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया, जिसमें लालू यादव और सोनिया गांधी जैसे नेता शामिल थे, जिनसे उन्होंने पहले लड़ा था. इसके बाद, उन्होंने गठबंधन छोड़कर दिल्ली चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया, जो पार्टी की हार का एक कारण बना.

दिल्ली सरकार की प्रशासनिक विफलता

प्रशांत किशोर ने दिल्ली सरकार की प्रशासनिक विफलताओं की भी आलोचना की. चुनाव रणनीतिकार ने जल-जमाव की समस्या और सड़कों की दयनीय स्थिति का जिक्र करते हुए शासन के मोर्चे पर दिल्ली सरकार की विफलता को उजागर किया और कहा कि इसने आप की अपमानजनक हार में योगदान दिया.

उन्होंने कहा कि पानी की निकासी की समस्याएं और खराब सड़कों की हालत, खासकर झुग्गियों में रहने वाले लोगों की कठिनाइयां, प्रशासन की असफलता को उजागर करती हैं. उन्होंने कहा, "इन समस्याओं ने केजरीवाल के शासन मॉडल को कमजोर किया.

AAP की हार और केजरीवाल का भविष्य

दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP को 22 सीटें मिलीं, जबकि बीजेपी ने 48 सीटों के साथ जीत दर्ज की. केजरीवाल ने अपनी नई दिल्ली सीट बीजेपी के परवेश वर्मा से 4,000 से अधिक वोटों से हारकर गंवाई. इस हार ने उनके राष्ट्रीय स्तर पर INDIA गठबंधन में भविष्य को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं.