Prashant Kishor: अपनी पार्टी की घोषणा से तीन दिन पहले राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने रविवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगले विधानसभा चुनावों में तीन कारणों से कुर्सी से बेदखल हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि तीन कारणों में शराब प्रतिबंध नीति की विफलता, अनियोजित और भ्रष्टाचार से ग्रस्त भूमि सर्वेक्षण और राज्य भर में प्रीपेड स्मार्ट मीटर की जबरन स्थापना शामिल है. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किशोर ने दावा किया कि वह बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं और उन्होंने अपनी सरकार मुट्ठी भर सेवानिवृत्त नौकरशाहों के माध्यम से चलायी है.
उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कि 2025 के विधानसभा चुनावों में बिहार में जन सुराज सत्ता में आएगा, कहा कि उनकी पार्टी नई सरकार बनने के 15 मिनट में शराब प्रतिबंध हटा देगी. उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को हम बिहार के लिए अपने विजन और पार्टी अध्यक्ष के नाम की घोषणा करेंगे. पार्टी में योग्य लोगों का आनुपातिक प्रतिनिधित्व होगा. हमने अपनी 'पैदल यात्रा' के ज़रिए बिहार के सिर्फ़ 60% हिस्से को कवर किया है. हम राजनीतिक पार्टी के गठन के बाद भी यात्रा जारी रखेंगे.
राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से समान दूरी बनाए रखने की मांग करते हुए किशोर ने कहा कि हमने कई बार स्पष्ट किया है कि हम बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. अगर हमें 130 सीटें भी मिलती हैं, तो मैं इसे व्यक्तिगत हार मानूंगा. अकेले सरकार बनाना पर्याप्त नहीं है, हमें प्रमुख नीतियों को लागू करने के लिए दो-तिहाई बहुमत का समर्थन चाहिए... या तो अर्श पर या फ़र्श पर (या तो हम शीर्ष पर पहुंचेंगे या हम असफल होंगे). अगर हमें 2025 के चुनावों में लोगों का पूरा समर्थन नहीं मिलता है, तो हम अगले पांच साल तक कड़ी मेहनत करेंगे.
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तीन प्रमुख नीतियों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ट्रिपल एस - शराबबंदी, (भूमि) सर्वेक्षण और पूरे राज्य में स्मार्ट मीटर लगाना - वर्तमान बिहार सरकार के ताबूत में आखिरी तीन कीलें साबित होंगी.
किशोर ने कहा कि जो लोग शराबबंदी का श्रेय महात्मा गांधी को देते हैं, वे मुझसे बहस करें और मुझे बताएं कि गांधी ने कहां कहा कि शराबबंदी कानून बनाकर लागू की जानी चाहिए. उन्होंने सामाजिक निषेध की बात की थी. मैं मानता हूं कि शराबबंदी के अपने फायदे हैं, लेकिन तभी जब इसे सही मायने में लागू किया जाए. इसलिए मैं साफ-साफ कहता हूं कि सत्ता में आने के 15 मिनट के अंदर हम बिहार में शराबबंदी हटा देंगे. कुछ लोग कहते हैं कि अगर हम ऐसा करेंगे तो महिलाएं हमें वोट नहीं देंगी. अगर ऐसा है तो ऐसा ही हो. लेकिन मैं सच बोलता रहूंगा.
जन सुराज के संस्थापक ने एनडीए सरकार को बिहार में भूमि सर्वेक्षण फिर से शुरू करने की चुनौती भी दी. किशोर ने कहा कि इस सरकार ने भूमि सर्वेक्षण क्यों बंद कर दिया? ऐसा इसलिए है क्योंकि कई मामलों में उन्हें भी भूमि के वास्तविक स्वामित्व के बारे में पता नहीं है. भूमि सर्वेक्षण भूमि सुधार नहीं है... हमें पता चला है कि लोगों को भूमि के दस्तावेज देने के नाम पर भारी पैसा वसूला जा रहा है.
उन्होंने कहा कि पटना और कुछ अन्य शहरों में पहले से ही प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, अगर लोगों को इसे पूरे राज्य में लागू करने के लिए मजबूर किया गया तो इससे भयंकर अराजकता पैदा हो जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के बाद लोग बढ़े हुए और गलत बिल आने की शिकायत कर रहे हैं.
किशोर ने भाजपा और राजद पर भी निशाना साधा और कहा कि राजद और भाजपा दोनों एक-दूसरे के नाम पर लोगों को आतंकित करके वोट मांगने की कोशिश करते हैं.
किशोर की नई पार्टी फरवरी-मार्च 2025 तक बिहार से पलायन की समस्या से निपटने के लिए अपना खुद का मॉडल लेकर आएगी. उन्होंने कहा कि वे बाढ़, जलभराव और सूखे की समस्याओं से निपटने के लिए चीन की तरह जल प्रबंधन योजना पर काम कर रहे हैं. किशोर ने कहा कि हमारे पास 15 साल से कम उम्र के बच्चों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने का भी मॉडल है. उन्होंने कहा कि शराब पर सेस से होने वाली कमाई का इस्तेमाल बच्चों की शिक्षा पर किया जा सकता है.
राज्य में शराबबंदी कानून को 'फर्जी' बताते हुए उन्होंने कहा कि बिहार को हर साल लगभग 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है, जबकि शराब माफिया और अधिकारी अवैध व्यापार से पैसा कमा रहे हैं. सीएम नीतीश पर हमला बोलते हुए किशोर ने कहा कि वह सत्ता पर ऐसे काबिज हैं जैसे उन्होंने अपनी कुर्सी पर चिपकाव लगा रखा हो और उनकी सहयोगी भाजपा उनके कुशासन का खामियाजा भुगत रही है, ठीक उसी तरह जैसे कांग्रेस लालू के जंगल राज के लिए जिम्मेदार थी.
उन्होंने दावा किया कि जब पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को सिर्फ़ 42 सीटें मिली थीं, तब उन्होंने नीतीश को सीएम न बनने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा कि लेकिन नीतीश कुमार ने प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया और सीएम बन गए. सीएम की कुर्सी से उनका यही रिश्ता है.