दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार के बाद पार्टी के पूर्व नेता और वकील प्रशांत भूषण ने अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह हार "AAP के अंत की शुरुआत" है और केजरीवाल को पार्टी की हार का जिम्मेदार ठहराया. भूषण ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने पार्टी को उसके मूल सिद्धांतों से हटा कर उसे एक "भ्रष्ट" पार्टी बना दिया है.
प्रशांत भूषण का आरोप
'शीशमहल' विवाद पर हमला
भूषण ने दिल्ली के मुख्यमंत्री रहते हुए केजरीवाल के 'शीशमहल' विवाद पर भी निशाना साधा. इस विवाद में केजरीवाल पर आरोप था कि उन्होंने सार्वजनिक धन से मुख्यमंत्री निवास का महल जैसी फैशन में नवीनीकरण किया था. भूषण ने कहा, "केजरीवाल ने 45 करोड़ रुपये का शीशमहल बनवाया और महंगी कारों में यात्रा करना शुरू कर दिया." इसके अलावा, भूषण ने यह भी कहा कि केजरीवाल ने 33 विशेषज्ञ समितियों की रिपोर्टों को नजरअंदाज किया और कहा कि पार्टी जब जरूरत पड़ेगी, तब पॉलिसी अपनाएगी.
झूठे प्रचार पर निर्भर रहे केजरीवाल
भूषण ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने वास्तविक शासन की बजाय "झूठे प्रचार" और "उत्साही बयानबाजी" पर निर्भर रहकर काम किया. उन्होंने कहा, "यह AAP के अंत की शुरुआत है." भूषण ने यह टिप्पणी की जब पार्टी की हार साफ हो गई और उनके द्वारा उठाए गए सवालों का कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला.
अन्ना हज़ारे की प्रतिक्रिया
AAP की हार पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी और केजरीवाल की 'आम आदमी' छवि पर कटाक्ष किया. हज़ारे ने कहा, "केजरीवाल ने पहले कहा था कि वह अपनी जिंदगी एक छोटे कमरे में बिताएंगे, लेकिन अब उन्होंने शीशमहल बना लिया. मैं 90 साल का हूं, मैं भी शानदार घर बना सकता था, लेकिन लक्ज़री में खुशी नहीं मिलती, समाज के लिए अच्छे काम करने से सच्ची खुशी मिलती है."
AAP की हार और बीजेपी की जीत
AAP को पिछले दस वर्षों तक दिल्ली में शासन करने के बाद एक बड़ी चुनावी हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की और 70 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें जीत लीं, जबकि AAP केवल 22 सीटें ही हासिल कर पाई. इस चुनावी हार में AAP के शीर्ष नेता, जिनमें केजरीवाल भी शामिल थे, अपनी सीटें हार गए.
केजरीवाल का बयान
हार को स्वीकार करते हुए, केजरीवाल ने बीजेपी को बधाई दी और उम्मीद जताई कि वह दिल्ली की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगी. हालांकि, पार्टी के भीतर और बाहर इस हार को लेकर सवाल उठाए गए हैं, और यह देखा जाएगा कि भविष्य में AAP अपने दृष्टिकोण में कितनी बदलाव करती है.