नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को न्यौता दिया गया था, लेकिन सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी ने निमंत्रण स्वीकार नहीं किया. भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राम मंदिर कार्यक्रम को लेकर बड़ा बयान दिया है. राहुल गांधी ने कहा कि 2 जनवरी को अयोध्या में होने जा रहे रामलला मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम मोदी-RSS का फंक्शन है.
राहुल गांधी ने कहा कि RSS और बीजेपी ने 22 तारीख को इलेक्शन फ्लेवर दे दिया है. कांग्रेस प्रेसिडेंट ने इसी वजह से वहां पर जाने से इनकार किया है. हम सभी धर्मों के साथ हैं. मुझे मेरे धर्म की शर्ट पहनने की जरुरत नहीं है. हालांकि जो भी अयोध्या जाना चाहता है वो जा सकता है. हमारी पार्टी से भी कोई वहां जा सकता है. लेकिन हम राजनीतिक इवेंट में नहीं जाएंगे.
राहुल ने ये बातें भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तीसरे दिन कहीं. राहुल गांधी ने यात्रा के तीसरे दिन कोहिमा (नगालैंड) के विश्वेमा गांव से यात्रा की शुरुआत की. बता दें कि इन दिनों राहुल भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं.
लोकसभा चुनाव को लेकर I.N.D.I.A गठबंधन की सीट शेयरिंग पर राहुल गांधी ने कहा कि हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे और जीतेगा. मैं इलेक्शन कैंपेन में भी भाग लूंगा और चुनाव अच्छे से लड़ेंगे. सीट शेयरिंग को लेकर हमारी बातचीत जारी है. ज्यादातर जगह आसान है, कुछ एक जगह पर थोड़ा मुश्किल है, लेकिन सीट शेयरिंग की मुद्दा हम आसानी से सुलझा लेंगे.
#WATCH | On Ram Temple Pran Pratishtha ceremony, Congress MP Rahul Gandhi says, "The RSS and the BJP have made the 22nd January function a completely political Narendra Modi function. It's a RSS BJP function and I think that is why the Congress President said that he would not go… pic.twitter.com/FOCwvm1FBp
— ANI (@ANI) January 16, 2024
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने 22 जनवरी के मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है और भाजपा पर इसे चुनावी "राजनीतिक परियोजना" बनाने का आरोप लगाया है. इस बीच, पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई मकर संक्रांति पर पवित्र शहर में प्रार्थना करने की अपनी योजना पर कायम है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय और पार्टी के अन्य नेताओं ने 15 जनवरी को अयोध्या में सरयू नदी में पवित्र डुबकी लगाई. बाद में बीजेपी ने कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्हें अवसरवादी बताया जो राजनीति के लिए कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन विपक्षी पार्टी ने पलटवार किया.