Pradhan Mantri Suryodaya Yojana PM Modi launch rooftop solar power scheme: प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक महत्वपूर्ण योजना को लॉन्च किया. पीएम मोदी ने इस योजना के बारे में अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जानकारी शेयर की. उन्होंने लिखा- भगवान श्रीराम के आलोक से विश्व के सभी भक्त ऊर्जा प्राप्त करते हैं. आज अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मैंने ये संकल्प लिया है कि भारत के लोगों के घर की छत पर उनका अपना सोलर रूफ टॉप सिस्टम हो. अयोध्या से लौटने के बाद मैंने पहला निर्णय लिया है कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों पर रूफ टॉप सोलर लगाने के लक्ष्य के साथ 'प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना' प्रारंभ करेगी. उन्होंने लिखा कि इस योजना का फायदा गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को होगा, क्योंकि उनका बिजली बिल कम होगा. साथ ही भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा.
पीएम मोदी ने अपने एक्स पोस्ट में सोलर सिस्टम का यूज कर नई योजना के लॉन्चिंग की जानकारी तो दे दी, लेकिन क्या आपको पता है कि प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना क्या है? भारत की वर्तमान सौर क्षमता क्या है? देश के लिए सौर ऊर्जा क्यों महत्वपूर्ण है? आइए, इसे आसानी से समझते हैं.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस 'प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना' की घोषणा की, वो सरकारी योजना है, जिसके तहत एक करोड़ परिवारों को छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली मिलेगी. हालांकि, छत पर सौर ऊर्जा प्रणालियों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए ये पहली योजना नहीं है. 2014 में मोदी सरकार ने रूफटॉप सोलर प्रोग्राम लॉन्च किया था, जिसका लक्ष्य 2022 तक 40,000 मेगावाट (मेगावाट) या 40 गीगावाट (जीडब्ल्यू) की संचयी स्थापित क्षमता हासिल करना था. हालांकि, ये लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका, जिसके बाद मोदी सरकार ने समय सीमा 2022 से बढ़ाकर 2026 कर दी. प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना 40 गीगावॉट छत सौर क्षमता के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करने का एक नया प्रयास बताया जा रहा है.
सूर्यवंशी भगवान श्री राम के आलोक से विश्व के सभी भक्तगण सदैव ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2024
आज अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा ये संकल्प और प्रशस्त हुआ कि भारतवासियों के घर की छत पर उनका अपना सोलर रूफ टॉप सिस्टम हो।
अयोध्या से लौटने के बाद मैंने पहला निर्णय लिया है कि… pic.twitter.com/GAzFYP1bjV
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना, एक ऐसी योजना है, जिसमें आवासीय उपभोक्ताओं (रेसिडेंशियल यूजर्स) के लिए छतों पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करना शामिल होगा.
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy) की वेबसाइट के अनुसार, दिसंबर 2023 तक भारत में सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता लगभग 73.31 गीगावॉट तक पहुंच गई. इस बीच, दिसंबर 2023 तक छत पर सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता लगभग 11.08 गीगावॉट है.
कुल सौर क्षमता के मामले में राजस्थान 18.7 गीगावॉट के साथ टॉप पर है. गुजरात 10.5 गीगावॉट के साथ दूसरे स्थान पर है. जब छत पर सौर क्षमता की बात आती है, तो गुजरात 2.8 गीगावॉट के साथ सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद महाराष्ट्र 1.7 गीगावॉट के साथ दूसरे नंबर पर है. गौरतलब है कि देश की मौजूदा नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में सौर ऊर्जा की बड़ी हिस्सेदारी है, जो लगभग 180 गीगावॉट है.
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के अनुसार, अगले 30 वर्षों में भारत में दुनिया के किसी भी देश या क्षेत्र की तुलना में सबसे बड़ी ऊर्जा मांग में वृद्धि होने की उम्मीद है. इस मांग को पूरा करने के लिए देश को ऊर्जा के एक विश्वसनीय स्रोत की आवश्यकता होगी और यह सिर्फ कोयला प्लांट नहीं हो सकते हैं. हालांकि भारत ने हाल के वर्षों में अपने कोयला उत्पादन को दोगुना कर दिया है, लेकिन इसका लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) क्षमता तक पहुंचने का भी है. इसलिए, सौर ऊर्जा क्षमता का विस्तार करना आवश्यक है.
2014 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य केंद्रीय वित्तीय सहायता, MNRE गाइडलाइंस के अनुसार पात्र प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता और डिस्कॉम (वितरण कंपनियों) को प्रोत्साहन प्रदान करके आवासीय क्षेत्र में भारत की छत पर सौर स्थापित क्षमता का विस्तार करना है.
कार्यक्रम का लक्ष्य मार्च 2026 तक छत पर सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता को 40 जीएम तक बढ़ाना है और ये फिलहाल अपने दूसरे फेज में है. इस योजना के कारण, देश का रूफटॉप सोलर मार्च 2019 तक 1.8 गीगावॉट से बढ़कर नवंबर 2023 तक 10.4 गीगावॉट हो गया है.
ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने पिछले साल लोकसभा में उठाए गए एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि कोई भी उपभोक्ता, डिस्कॉम की ओर से टेंडर प्रोजेक्ट्स या राष्ट्रीय पोर्टल (www.solarrooftop.gov.in) के माध्यम से योजना का लाभ उठा सकता है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पोर्टल पर, उपभोक्ता के पास किसी भी विक्रेता का चयन करने और सौर उपकरण का ब्रांड और क्वालिटी चुनने का विकल्प होता है. सिस्टम की स्थापना और निरीक्षण के बाद सब्सिडी सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में भेज दी जाती है.