नई दिल्ली: 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी इंडिया गठबंधन महाराष्ट्र में अपनी सियासी गतिविधियों को तेज कर दिया है. सूत्रों ले मिल रही जानकारी के मुताबिक कांग्रेस, शिवसेना, NCP के बीच सीट शेयरिंग का संभावित फॉर्मूला लगभग तय कर लिया गया है. महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के बैनर तले चार दल लोकसभा चुनाव लड़ेगे. ऐसे में महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटों के बंटवारे की जो तस्वीर सामने आयी है, उसके मुताबिक कांग्रेस 20, शिवसेना (यूबीटी) 20 जबकि एनसीपी (शरद पवार) गुट को 6 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा. इसके अलावा वंचित बहुजन अघाड़ी 2 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के हिंदू राष्ट्रवाद को काउंटर करने के लिए कांग्रेस उद्धव ठाकरे को सीट बंटवारे में बराबर जगह देना चाहती है. ऐसा माना जाता है कि शिवसेना के दो गुट होने के बाद भी अधिकतर शिवसैनिक उद्धव ठाकरे के साथ बने हुए है. वहीं अजीत पवार के अलग होने के बाद एनसीपी के पास कैडर और नेताओं की पहले की तरह फौज नहीं है. ऐसे में एनसीपी को कम सीटों पर समझौता करने का प्रस्ताव दिया जाएगा. दलित वोटों को एकजुट रखने के लिए प्रकाश अंबेडकर की पार्टी बहुजन वंचित अघाड़ी को दो सीटें दी जा सकती हैं. जिससे दलितों को अपने पक्ष में लामबंद किया जा सकें.
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन करकर 48 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था. जिसमें बीजेपी ने 23 तो अविभाजित शिवसेना ने 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं कांग्रेस को महाराष्ट्र में सिर्फ एक सीट तो अविभाजित एनसीपी 4 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. वहीं वंचित बहुजन अघाड़ी के खाते में एक भी सीट नहीं आई थी.
बीते दिनों इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे पर बोलते हुए शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा था कि यह महाराष्ट्र है और शिवसेना यहां की सबसे बड़ी पार्टी है. कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है. उद्धव ठाकरे निर्णय लेने के साथ सकारात्मक चर्चा कर रहे हैं. हमने राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल सहित कांग्रेस के नेताओं से कहा है कि शिवसेना हमेशा दादरा और नगर हवेली सहित लोकसभा चुनाव में 23 सीटों पर लड़ती रही है और हम इस रुख पर कायम है. कांग्रेस एक महत्वपूर्ण सहयोगी है और सीट बंटवारे का अनुपात तय करने के लिए चर्चा की जाएगी. सीट बंटवारे पर हम सिर्फ दिल्ली के कांग्रेस नेताओं से बात करेंगे, महाराष्ट्र के स्थानीय नेताओं से नहीं.