Porsche Crash: '90 मिनट में उड़ाए 48 हजार, पब में की अय्याशी,' नाबालिग के कांड की पुणे पुलिस ने खोली पोल

वेदांत अग्रवाल शहर के दो बड़े पब में गया था और उसने 90 मिनट में 48,000 रुपये का बिल चुकाया था. पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि 48,000 रुपये का बिल कोसी में भुगतान किया गया था, जो पहला पब था.

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पुणे रोडरेज केस में हर नए-नए खुलासे हो रहे हैं. 17 साल के नाबलिग आरोपी ने दो लोगों की जान ले ली और उसे जमानत मिल गई. पुलिस से लेकर कोर्ट ने उसके हक में फैसला सुनाया. अमीर बाप का लड़का शराब के नशे में 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 2 करोड़ रुपये की कार से मध्य प्रदेश के अनीश और अश्विनी को रौंदकर मार देता है. बिल्डर के बेटे को 15 घंटों में जमानत मिल जाती है. 

पुलिस ने बिना टेस्ट किए ही आरोपी की एल्कोहल रिपोर्ट निगेटिव बता दी? पुणे में तीन दिन पहले जाने-माने बिल्डर विशाल अग्रवाल का बेटा वेदांत अग्रवाल पार्टी के लिए शहर के एक पब में गया था. वह वहां शराब पार्टी करते देखा गया. दावा किया जा रहा है कि वेदंता ने 90 मिनट में पब में 48,000 रुपये उडाए. 

दो पब में पी शराब

पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि 48,000 रुपये का बिल कोसी में भुगतान किया गया था, जो पहला पब था जहां किशोर और उसके दोस्त शनिवार रात 10.40 बजे गए थे. कोसी द्वारा उन्हें सेवा देना बंद करने के बाद वे 12.10 बजे दूसरे पब, ब्लैक मैरियट के लिए रवाना हुए. कुमार ने कहा, "हमें पब का 48,000 रुपये का बिल मिला है, जिसका भुगतान कम उम्र के ड्राइवर ने किया था. बिल में पब में किशोर और उसके दोस्तों को परोसी गई शराब की कीमत भी शामिल है."

गाड़ी चलाने से पहले पब गया था वेदांत?

एसीपी मनोज पाटिल ने कहा कि किशोर ने अपनी कार चलाने से पहले पब गया किया था और शराब पी थी. हमारे पास लड़के और उसके समूह के शराब पीने के पर्याप्त सीसीटीवी फुटेज हैं. खून के नमूने की रिपोर्ट अभी आए नहीं हैं. हालांकिअब तक एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर, पुणे पुलिस ने मंगलवार को 17 वर्षीय के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185 (शराब पीकर गाड़ी चलाना) लागू कर दिया. हादसे के समय वेदांत के साथ उनके और भी दोस्त गाड़ी में थे. हादसे के बाद एक वहां से फरार हो गया, लेकिन दो को भीड़ ने पकड़ लिया और जमकर मारा. 

विधायक सुनील टिंगरे पहुंचे थे थाने

सूचना पर पहुंची पुलिस वेदांत और उसके दोस्त को पकड़कर थाने ले गई. यहां पुलिस ने वेदांत से पूछताछ की और दूसरे दिन उसे कोर्ट में पेश किया. कोर्ट में पेशी के दौरान उसे जमानत मिल गई. ये भी जानकारी सामने आई कि हादसे के बाद NCP अजीत पवार गुट के स्थानीय विधायक सुनील टिंगरे थाने गए थे. पुलिस के दवाब बनाया कि कोई कड़ी धारा न लागाए.  उन्हीं के कहने पर पुलिस ने नाबालिग आरोपी को थाने के अंदर VVIP ट्रीटमेंट मुहैया कराया था. 

सुनील टिंगरे ने सारे आरोपों के गलत बताया है. उन्होंने कहा कि मेरे एक कार्यकर्ता ने मुझे फोने किया और दुर्घटना की जानकारी दी. मैं विशाल अग्रवाल को जानता हूं तो उन्होंने फोन किया और बताया कि बेटे का एक्सीडेंट हो गया है.  एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के रूप में मैं घटनास्थल पर गया और फिर यरवदा पुलिस स्टेशन गया. पुलिस स्टेशन में उन्हें हादसे की पूरी जानकारी दी गई. मैंने पुलिस पर किसा तरह का दवाब नहीं बनाया.