नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने BJP पर समारोह का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया. सचिन पायलट ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि मुझे लगता है कि बीजेपी ने बिना किसी कारण के अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह राजनीतिकरण कर दिया है. रामलला सबके हैं लेकिन बीजेपी एकाधिकार बनाने की कोशिश कर रही है. मुझे नहीं लगता कि बीजेपी सरकार अपने किए वादे पूरे कर पाएगी. केंद्र में मोदी सरकार के 10 साल होने को है लेकिन रोजगार देने का वादा अब भी दो करोड़ युवा अधूरे हैं.
सचिन पायलट ने अपने बयान में आगे कहा "इंडिया गठबंधन आने वाले समय में यह अच्छा प्रदर्शन करेगा. इंडिया गठबंधन के सभी दलों को निजी हितों को छोड़कर देश के हित में सोचना होगा. अंतिम निर्णय दिल्ली से लिया जाएगा. चाहे राजस्थान हो या कोई अन्य राज्य गठबंधन के संबंध में जो भी निर्णय लेना होगा वह दिल्ली में लिया जाएगा. राजस्थान में पारंपरिक द्विपक्षीय मुकाबला है. हम हर सीट के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. हम चाहते हैं कि इंडिा गठबंधन मजबूत हो."
#WATCH | Udaipur: Congress leader Sachin Pilot says, "...I feel BJP has politicised it ('pranpratishtha' ceremony of Ram Temple in Ayodhya) without a reason. Ram Lalla belongs to everyone..." pic.twitter.com/8qH59ghETI
— ANI (@ANI) January 19, 2024
सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त निकाला गया है. कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना (यूबीटी), सपा, BSP, TMC, RJD, JDU समेत कई तमाम विपक्षी दलों ने इस समारोह से दूरी बना ली है. कांग्रेस ने इस समारोह को BJP और कांग्रेस का इवेंट करार दिया है. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि वे राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में नहीं जा रहे हैं.
राहुल गांधी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि आरएसएस और बीजेपी ने 22 जनवरी के समारोह को पूरी तरह से राजनीतिक नरेंद्र मोदी समारोह बना दिया है. यह आरएसएस-बीजेपी का कार्यक्रम है और मुझे लगता है कि इसीलिए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह इस समारोह में नहीं जाएंगे. हम सभी धर्मों, सभी प्रथाओं के लिए खुले हैं. यहां तक कि शंकराचार्य ने अपनी राय सार्वजनिक कर दी है कि वे 22 जनवरी के समारोह के बारे में क्या सोचते हैं कि यह एक राजनीतिक समारोह है. इसलिए हमारे लिए ऐसे राजनीतिक समारोह में जाना मुश्किल है.