Manipur Politics: मणिपुर में राजनीतिक संकट और अनसर्टेनिटी का माहौल अभी भी कायम है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में नए मुख्यमंत्री का चुनाव अभी तक नहीं किया है. पिछले कुछ दिनों से मणिपुर की राजनीति में हलचल मची हुई है, और भाजपा नेतृत्व इस स्थिति में कोई निर्णायक कदम उठाने में सक्षम नहीं हो पाया है. राजनीतिक गतिरोध और असमंजस की स्थिति ने राज्य की सरकार के संचालन को प्रभावित किया है.
लंबे वक्त से विपक्षी दलों द्वारा ये मांग की जा रही थी कि सीएम एन बीरेन इस्तीफा दें और मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए. अब बीरेन ने इस्तीफा दे दिया है, हालांकि भाजपा लगातार ये दावा कर रही है कि राज्य में किसी तरह का राजनीतिक संकट नहीं है. जल्द ही नए नेता का चलन होगा. मगर विपक्ष ये मांग कर रही है कि इसमें इतनी देरी क्यों हो रही है, राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए.
मणिपुर में भाजपा के भीतर नेतृत्व संकट उत्पन्न हो गया है, जहां राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद पार्टी को एक नए नेता की तलाश है. भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच विभिन्न विचारधाराओं को लेकर चर्चा चल रही है, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. पार्टी की उच्च कमान ने राज्य में नेतृत्व के मसले पर गहन विचार-विमर्श करने के बाद ही अंतिम निर्णय लेने की बात कही है.
राज्य में इस राजनीतिक अनसर्टेनिटी का असर प्रशासन और विकास कार्यों पर पड़ा है. मणिपुर में एक स्थिर सरकार की आवश्यकता है, खासकर राज्य के संवेदनशील मुद्दों और प्रशासनिक कार्यों को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए. लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री की स्थिति पर स्पष्टता नहीं होने के कारण कई योजनाओं और विकास कार्यों में देरी हो रही है.
भाजपा की अंदरूनी राजनीतिक असहमति और नेतृत्व संकट का विपक्षी दलों ने जमकर विरोध किया है. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि भाजपा पार्टी राज्य की स्थिरता को खतरे में डाल रही है और उसके भीतर नेतृत्व की कमी है. उन्होंने मणिपुर के विकास के मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमला किया और कहा कि भाजपा के नेतृत्व में राज्य की सरकार केवल संकटों का सामना कर रही है.
भाजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व जल्द ही मणिपुर के लिए एक नए मुख्यमंत्री का चयन करने पर विचार करेगा. पार्टी के अंदरूनी समीकरण और नेताओं के बीच समझौता होने के बाद ही यह निर्णय लिया जाएगा. भाजपा राज्य में राजनीतिक स्थिरता लाने के लिए कोशिश कर रही है, ताकि आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी को एक मजबूत स्थिति मिल सके.
मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व में जो राजनीतिक अनसर्टेनिटी का माहौल बना है, वह राज्य की प्रशासनिक कार्यों और विकास योजनाओं को प्रभावित कर रहा है. भाजपा के नए मुख्यमंत्री के चयन से राज्य की राजनीति में एक नई दिशा मिल सकती है, लेकिन फिलहाल स्थिति साफ नहीं हो पाई है. राजनीतिक दलों और जनता को इस संकट के समाधान का इंतजार है.