menu-icon
India Daily

NDLS भगदड़ पर सियासी संग्राम शुरू: कांग्रेस का केंद्र पर हमला, कहा- 'मौत की गिनती छुपा रही सरकार'

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार को एक दुखद घटना घटी, जिसमें भीषण भगदड़ के कारण लगभग 18 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए. रेलवे पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब बड़ी संख्या में यात्री प्लेटफार्म नंबर एक पर एकत्रित हुए थे.

auth-image
Edited By: Ritu Sharma
NDLS Stampede
Courtesy: Social Media

NDLS Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात मची भगदड़ को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस दुखद घटना को लेकर सरकार से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की. उन्होंने केंद्र से मृतकों और घायलों की सही संख्या का तुरंत खुलासा करने के साथ ही लापता लोगों की जानकारी देने की अपील की.

''घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा दी जाए'' - खड़गे

आपको बता दें कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ''हम मांग करते हैं कि मृतकों और घायलों की संख्या जल्द से जल्द घोषित की जाए और लापता लोगों की पहचान भी सुनिश्चित की जाए.'' उन्होंने आगे कहा कि घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा दी जाए और पीड़ितों के परिवारों को सहायता प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए.

सरकार पर सच्चाई छिपाने का आरोप

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र पर घटना की सच्चाई छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ''नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में कई लोगों की मौत की खबर बेहद दुखद है. स्टेशन से आ रहे वीडियो दिल दहला देने वाले हैं. मोदी सरकार द्वारा सच्चाई छिपाने की कोशिश शर्मनाक और निंदनीय है.''

बेहतर व्यवस्था की जरूरत थी - पवन खेड़ा

इसके अलावा, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेहतर इंतजाम की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यदि समय रहते सही प्रबंधन किया जाता, तो इस त्रासदी को रोका जा सकता था. उन्होंने एक्स पर लिखा, ''नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ की घटना दुखद है. कुंभ के कारण भीड़ का अनुमान पहले से था, ऐसे में बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए थी.''

कैसे हुआ हादसा?

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) रेलवे केपीएस मल्होत्रा ​​के अनुसार, भगदड़ उस समय हुई जब बड़ी संख्या में यात्री प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर एकत्र हुए, जहां प्रयागराज एक्सप्रेस खड़ी थी. इसके अलावा, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी के प्रस्थान में देरी के कारण प्लेटफॉर्म 12, 13 और 14 पर भीड़ बढ़ गई. डीसीपी रेलवे मल्होत्रा ने कहा, ''हमें भीड़ की उम्मीद थी, लेकिन यह अचानक इतनी बढ़ गई कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. रेलवे द्वारा घटना की जांच की जाएगी और कारणों का पता लगाया जाएगा.''

रेलवे ने उच्च स्तरीय जांच के दिए आदेश

रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगभग 1,500 जनरल टिकट बेचे गए, जिससे प्लेटफॉर्म पर भीड़ का स्तर काफी बढ़ गया. खासतौर पर प्लेटफॉर्म नंबर 14 और प्लेटफॉर्म नंबर 1 के एस्केलेटर के पास स्थिति सबसे ज्यादा बिगड़ गई. 

बताते चले कि, रेल मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ''यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और इसकी उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं.'' अब देखना होगा कि इस मामले में किसे जिम्मेदार ठहराया जाता है और क्या सरकार पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाएगी.