Rohit Vemula Suicide Case: हैदराबाद विश्वविद्यालय के पीएचडी स्कॉलर रहे रोहित वेमुला सुसाइड केस में पुलिस अपनी क्लोजर रिपोर्ट तेलंगाना हाई कोर्ट में सबमिट कर दी है. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रोहित को डर था कि उनकी असली जाति का पता चलने पर उनके खिलाफ एक्शन हो सकता है. इसी कारण वेमुला ने आत्महत्या की थी. पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट से अब रोहित केस की गुत्थी और उलझ सकती है.
पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर एनएसयूआई महासचिव प्रभाकर सिंह ने कहा कि पुलिस की जो रिपोर्ट आई है वह सिर्फ एक जांच रिपोर्ट है. यह इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट नहीं है. यह उनकी जाति की जांच की रिपोर्ट है. इसकी जांच नहीं होनी चाहिए थी. जां होनी चाहिए थी. रोहित वेमुला को परेशान करने और उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने में जिन लोगों की भूमिका है उसकी भी जांच होनी चाहिए. यह आत्महत्या नहीं, बल्कि एक हत्या थी. हम रोहित को न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
#WATCH | Hyderabad, Telangana: A student protestor and NSUI General Secretary Prabhakar Singh says, "The closing report which has been filed is not actually an investigation report. It is the investigation of the caste of Rohith Vemula. This was not supposed to be investigated.… https://t.co/57ZADG5ETe pic.twitter.com/XUDiHPSSuG
— ANI (@ANI) May 3, 2024
पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा कि रोहित अनुसूचित सर्टिफिकेट के एकेडिमिक में उपलब्धियां हासिल की थी. इसी बात का उन्हें हमेशा डर सताता रहता था.
हैदराबाद विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे रोहित वेमुला ने 17 जनवरी 2016 को हॉस्टल के अपने कमरे में सुसाइड कर लिया था. उनकी आत्महत्या के बाद पूरे देश में अनुसूचित जाति से जुड़े छात्रों ने बवाल काटा था. रोहित समेत 5 लड़कों को हॉस्टल से निष्कासित कर दिया गया था.
अपनी क्लोजर रिपोर्ट दायर करते हुए पुलिस ने इस केस में शामिल कई लोगों को क्लीन चिट दे दी है. उस समय के सिकंदराबाद सांसद बंडारू दत्तात्रेय, विधान परिषद सदस्य एन रामचंद्र राव, वाइस चांसलर अप्पा राव और उस समय की तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी सहित कई बड़े नेताओं को पुलिस की रिपोर्ट निर्दोष बता रही है.