पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में लोगों में आक्रोश है और वे विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं. आम लोगों का गुस्सा पुलिस पर भड़क गया है. लोग इतने नाराज हो गए हैं कि वे पुलिसकर्मियों की मॉब लिंचिंग पर उतर आए हैं. PoK में हालात ऐसे हो गए हैं कि बिजनेस ठप पड़ा है, स्कूल बंद हैं और सरकारी दफ्तरों पर ताले लटक रहे हैं. मीरपुर और मुजफ्फराबाद में हालात बेकाबू हो गए हैं. अब वहां स्थितियां इतनी बेकाबू हो गई हैं कि सुरक्षाबल उन्हें संभाल नहीं पा रहे हैं.
किसके इशारे पर हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन?
क्यों भड़क रही है हिंसा?
स्थानीय मीडिया का कहना है कि सुरक्षाकर्मी इस आंदोलन को दबा रहे हैं. 10 मई को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में चक्का जाम और शटर बंद बुलाया गया था लेकिन अब AAC अपने विरोध प्रदर्शन और तेज करेगा. एएसी का कहना है कि अब व्यापक विरोध प्रदर्शन करेंगे जिससे सरकार पर दबाव बढ़े.
द डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां हिंसा तब भड़की जब पुलिस ने लोगों के घरों और मस्जिदों के आसपास आंसू गैस के गोले दागे. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के समाहनी, सेहंसा, मीरपुर, रावलकोट, खुइरट्टा, तत्तापानी और हट्टियन बाला जैसे इलाकों में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.
भारत से मदद मांग रहा PoK!
PoK में एक एक्टिविस्ट अमजद अयूब मिर्जा ने दावा किया है कि पाकिस्तानी सेना निहत्थे नागरिकों पर गोलीबारी कर रही है और झड़पों में कम से कम दो लोग मारे गए हैं. उनका दावा है कि हिंसा में एक पुलिस SHO की मौत हो गई. उसे भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला है.
PoK के एक एक्टिविस्ट अमजद अयूब मिर्जा कहा है कि अब वहां हालात नियंत्रण से बाहर हो गए हैं. भारत को अपना ध्यान अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर केंद्रित करना चाहिए. भारत को गिलगित-बाल्टिस्तान सहित इस कब्जे वाले इलाके की मदद के लिए आगे आना चाहिए.
पाक अधिकृत कश्मीर में हो क्या रहा है?
आवामी एक्शन कमेटी ने बिजली बिलों पर लगाए गए टैक्स के विरोध में मुजफ्फराबाद में एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन बुलाया था. पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लाम गढ़ के पास पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी बुरी तरह से उलझ गए. मुजफ्फराबाद में दुकान बंद और चक्का जाम बुलाया गया. पूरे इलाके में व्यपार ठप हो गया.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में क्या हो रहा है?
शुक्रवार को, अवामी एक्शन कमेटी ने बिजली बिलों पर लगाए गए "अन्यायपूर्ण" करों के विरोध में पीओके के मुजफ्फराबाद में शांतिपूर्ण मार्च की एक श्रृंखला का नेतृत्व किया, जिसके कारण मुद्रास्फीति आसमान छू गई. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, विरोध प्रदर्शन जल्द ही हिंसक हो गया जब इस्लाम गढ़ के पास प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई.
एएसी ने मुजफ्फराबाद में शटर-डाउन और पहिया-जाम विरोध का आह्वान किया, जिससे व्यापार ठप हो गया. पुलिस ने लोगों को रोकने के लिए शहर की ओर जाने वाली सड़कों पर बैरिकेड्स लगा दिए. स्थानीय स्तर पर भी,ण हिंसा भड़की. छापेमारी की गई और पुलिस ने सैकड़ों नेताओं को गिरफ्तार किया.
आंसू गैस, नागरिकों की हत्या और हंगामा, यही PoK की नियति!
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की सरकार ने 10 मई से ही यहां कर्फ्यू लागू कर दिया है. स्कूल, कॉलेज, दुकानें, सरकारी दफ्तर, हर तरफ ताले लग गए. शनिवार को PoK के हर जिले में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोले बरसाए, आंसू गैस का इस्तेमाल किया. भीड़ पर पुलिस ने जमकर लाठियां बराईं. हिंसक झड़प में पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिरी और कई गंभीर रूप से जख्मी हो गए.