Krait Snake: भारत में जहरीले सांपों की बात करें तो कॉमन करैत का नाम सबसे ऊपर और सबसे ज्यादा लिया जाता है. यह सांप इतना खतरनाक है कि कहा जाता है कि इसके काटने से कुछ ही घंटों में इंसान की जान चली जाती है. यह कोबरा से पांच गुना ज्यादा जहरीला होता है और इसे 'साइलेंट किलर' के नाम से भी जाना जाता है. इसके काटने का दर्द न के बराबर होता है, ऐसा लगता है मानो चींटी ने हल्का सा डंक मारा हो.
यही वजह है कि ज्यादातर लोग इसे पहचान नहीं पाते और समय रहते इलाज नहीं करवा पाते. इस सांप के काटने पर कहा जाता है कि, 'जिस व्यक्ति को यह सांप काट ले, वह पानी तक नहीं मांगता.'
कॉमन करैत की मौजूदगी सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है. यह सांप बांग्लादेश, नेपाल, अफगानिस्तान, श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देशों में भी पाया जाता है. यह सांप ज्यादातर गर्मियों के मौसम में एक्टिव होता है और रात के समय अपनी चहलकदमी बढ़ा देता है. शरीर पर मोटी चर्बी न होने की वजह से पूरे ठंड सांप बहुत कम नजर आते हैं. अधिकांश साँप कहीं गर्म स्थान तलाशकर छुप जाते हैं और वहीं सोए रहते हैं. बड़े सांप मांद में तो छोटे सांप बिल या दरार में सोए रहते हैं.
इसके काटने पर दांतों के निशान मुश्किल से दिखाई देते हैं. लक्षणों के आधार पर ही इसका पता लगाया जा सकता है, लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है. इसके जहर से पैरालिसिस अटैक का खतरा रहता है. यह सांप देर शाम अंधेरे में निकलता है और सोते हुए लोगों को अपना शिकार बनाता है. गर्मी बढ़ने के साथ इसकी गतिविधियां शुरू होती हैं, लेकिन बारिश का मौसम इसके लिए सबसे अनुकूल होता है. यह प्रायः सिर, गर्दन या सीने के पास काटता है.
कॉमन करैत के काटने के ज्यादातर मामले जमीन पर सोने वालों में देखे गए हैं. यह सांप शरीर की गर्माहट को भांपकर पास आता है और उससे चिपक जाता है. जैसे ही व्यक्ति करवट लेता है, यह तुरंत काट लेता है. इसलिए इसके काटने के निशान ज्यादातर सीने, पेट या बगल में पाए जाते हैं. यह सांप कपड़ों और बिस्तरों में भी छिप जाता है, जिससे खतरा और बढ़ जाता है. मॉनसून में यह जमीन पर घूमता हुआ गर्म जगहों की तलाश करता है.
कॉमन करैत की पहचान उसके रंग और बनावट से की जा सकती है. यह काले और भूरे रंग का होता है, जिसकी त्वचा चमकीली दिखती है. इसके मुंह से कुछ दूरी तक सफेद धब्बे और पूंछ तक सफेद लाइनिंग होती है. यह चूहे और मेंढक जैसे छोटे जीवों को खाता है, इसलिए खेतों में भी दिखाई देता है. मॉनसून में यह जमीन पर ज्यादा सक्रिय हो जाता है और रात में शिकार करता है.