प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार (11 मार्च) को मॉरीशस पहुंचे. जहां भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका स्वागत भोजपुरी गीत-गवई के साथ किया गया. दरअसल, पीएम मोदी 12 मार्च को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर मॉरीशस में हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट लिखा. जिसमें उन्होंने "मॉरीशस में यादगार स्वागत। सबसे खास बात थी गीत-गवई प्रदर्शन में दिखाई देने वाला गहरा सांस्कृतिक जुड़ाव है. यह सराहनीय है कि कैसे महान भोजपुरी भाषा मॉरीशस की संस्कृति में पनपी है. बता दें कि, उत्तर-मध्य भाषा भोजपुरी के साथ मॉरीशस का भारत के साथ विशेष संबंध है. दरअसल, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पिछले कई सालों से मॉरीशस के साथ अपनी विशेष और स्थायी साझेदारी को मजबूत करने में लगी हुई है.
जानिए मॉरीशस कहां पर स्थित है?
मॉरीशस हिंद महासागर में स्थित एक छोटा सा द्वीप देश है. यह अफ्रीका के दक्षिण-पूर्वी तट से दूर मेडागास्कर के पूर्व में स्थित है. यह मस्कारेने द्वीप समूह का एक हिस्सा है. मॉरीशस को 12 मार्च, 1968 को ब्रिटेन से आज़ादी मिली थी. यहां की आबादी लगभग 12 लाख है, जिसमें 70 प्रतिशत लोग भारतीय मूल के हैं. यहां रहने वाले ज़्यादातर लोगों का धर्म हिंदू है.
5 लाख भारतीय काम पर पहुंचे
एक समय था जब मॉरीशस ब्रिटिश और फ्रांसीसी उपनिवेश था. साल 1834 से 1900 की शुरुआत तक करीब पांच लाख भारतीयों को ब्रिटिश यहां काम करने के लिए लाए थे. इनमें से दो तिहाई कामगार यहीं बस गए. 2 नवंबर 1834 को 'एटलस' नामक जहाज से मॉरीशस आए 36 लोगों का पहला जत्था भोजपुरी भाषी क्षेत्र बिहार से था. जिसके लिए मॉरीशस में आज भी अप्रवासी दिवस मनाया जाता है.
पोर्ट लुइस में अप्रवासी घाट है, जहां भारतीय मजदूर मॉरीशस का भाग्य बदलने के लिए उतरे थे. यूनेस्को ने इस जगह को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है.
भोजपुरी और हिंदी का मॉरीशस में है बोलबाला
मॉरीशस टाइम्स की वेबसाइट पर 2011 की जनगणना का हवाला देते हुए एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल आबादी में से 5.3% लोग भोजपुरी बोलते हैं, जबकि 2000 की जनगणना के अनुसार 12.1% लोग भोजपुरी बोलते थे. इसके अलावा देश में उर्दू, तमिल और तेलुगु भी बोली जाती है. जबकि, मॉरीशस की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है, वहीं, फ्रेंच और क्रियोल भी काफी बोली जाने वाली भाषा है.
राजनीतिक दल भी भोजपुरी मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए अपने चुनाव प्रचार में भोजपुरी का इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं.