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'कोई कसर नहीं छोड़ी...', संविधान संशोधन को लेकर पीएम मोदी का कांग्रेस पर जोरदार हमला, पढ़ें उनके भाषण की बड़ी बातें

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के 'गरीबी हटाओ' नारे पर निशाना साधते हुए कहा, 'कांग्रेस का सबसे बड़ा जुमला था - 'गरीबी हटाओ'. चार पीढ़ियों तक इस नारे का इस्तेमाल उनकी राजनीति को चमकाने के लिए किया गया, लेकिन गरीबों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ.'

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Edited By: Sagar Bhardwaj
PM Narendra Modi strong attack on Congress regarding constitutional amendment

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर लोकसभा में भाषण देते हुए कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला किया. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इस पार्टी ने भारतीय संविधान को बार-बार कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

आपातकाल का जिक्र, लोकतंत्र पर चोट

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आपातकाल (1975) का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में सबसे काला अध्याय था. उन्होंने कहा, 'जब देश संविधान के 25 वर्ष पूरे कर रहा था, तब संविधान को तहस-नहस कर दिया गया. आपातकाल लगाया गया, लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म कर दिया गया, देश को जेल में तब्दील कर दिया गया और नागरिक अधिकार छीन लिए गए. कांग्रेस के माथे पर लगे इस पाप का दाग कभी नहीं मिटेगा.'

संविधान के रक्षकों और नागरिकों का सम्मान
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का संविधान हमें एकता और प्रगति की राह पर ले गया है. उन्होंने संविधान निर्माताओं और करोड़ों भारतीय नागरिकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह 75 वर्षों की असाधारण यात्रा है. उन्होंने महिलाओं के योगदान पर भी प्रकाश डाला और कहा कि देश के लिए यह गर्व का विषय है कि वर्तमान राष्ट्रपति एक महिला हैं.

अनुच्छेद 370 और जीएसटी का जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाने का जिक्र करते हुए कहा कि यह देश की एकता में बाधा था. उन्होंने कहा कि जीएसटी ने आर्थिक एकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा, 'एक बड़े देश को आगे बढ़ाने और वैश्विक निवेश को आकर्षित करने के लिए भारत में उचित व्यवस्थाएं जरूरी थीं. जीएसटी ने इस दिशा में अहम योगदान दिया है.'

कांग्रेस पर 'परिवारवादी राजनीति' का आरोप
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर परिवारवाद को बढ़ावा देने और संविधान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'एक परिवार ने संविधान को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इस परिवार की गलत नीतियों और सोच का असर आज भी देश देख रहा है.' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए संविधान में बदलाव किए.

महिला सशक्तिकरण के लिए संशोधन
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने भी संविधान में संशोधन किए लेकिन उनका मकसद केवल महिलाओं को सशक्त बनाना था. उन्होंने पुराने संसद भवन का जिक्र करते हुए कहा कि जब महिला आरक्षण विधेयक पास किया जा रहा था, तब कांग्रेस के सहयोगियों ने इसे फाड़ दिया था.

'गरीबी हटाओ' को बताया सबसे बड़ा जुमला
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के 'गरीबी हटाओ' नारे पर निशाना साधते हुए कहा, 'कांग्रेस का सबसे बड़ा जुमला था - 'गरीबी हटाओ'. चार पीढ़ियों तक इस नारे का इस्तेमाल उनकी राजनीति को चमकाने के लिए किया गया, लेकिन गरीबों की स्थिति में सुधार नहीं हुआ.'

संविधान की सुरक्षा पर जोर
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र को 'मदर ऑफ डेमोक्रेसी' के रूप में जाना जाता है. उन्होंने कहा कि संविधान को सशक्त और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा. प्रधानमंत्री का यह संबोधन भारत के लोकतांत्रिक और संवैधानिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण पल के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने नागरिकों और संविधान निर्माताओं के योगदान को सराहा और देश को एकजुट रखने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की.