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Mann Ki Baat: PM मोदी ने किया चंद्रयान-3 और G20 का जिक्र, घोड़ा लाइब्रेरी के बारे में बताया...जानें कौन हैं कैसमी

PM Narendra Modi Man ki Baat: रेडियो शो 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की सफलता दुनिया ने देखी है.

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Edited By: Amit Mishra
Mann Ki Baat: PM मोदी ने किया चंद्रयान-3 और G20 का जिक्र, घोड़ा लाइब्रेरी के बारे में बताया...जानें कौन हैं कैसमी

PM Narendra Modi Man ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रेडियो शो ‘मन की बात’ के 105वें एपिसोड में कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता ने सभी भारतीय की खुशी को दोगुना किया है. भारत ने अफ्रीकी यूनियन को G20 में शामिल कराकर अपनी डिप्लोमेसी का लोहा मनवाया है. पीएम मोदी ने बताया कि अब G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम होने जा रहा है. इससे बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स को फायदा होगा. भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर विश्व व्यापार का आधार बनेगा. पीएम मोदी ने कहा कि इससे ना सिर्फ भारत का भला होगा, बल्कि दुनिया को भी इससे बड़ा फायदा होगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सिल्क रूट की तरह ही होगा.

टूरिज्म का होगा विस्तार

रेडियो शो 'मन की बात' में पीएम मोदी ने कहा कि G20 समिट में एक लाख से ज्यादा प्रतिनिधि भारत आए. वो यहां की विविधता, अलग-अलग परम्पराएं, भांति-भांति के खानपान और हमारी धरोहरों से परिचित हुए. यहां आने वाले प्रतिनिधि अपने साथ जो शानदार अनुभव लेकर गए हैं, उससे टूरिज्म का और विस्तार होगा. आप लोगों को पता ही है कि भारत में एक से बढ़कर एक वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स भी हैं और इनकी संख्या लगातार बढती जा रही है. कुछ ही दिन पहले शान्ति निकेतन और कर्नाटक के पवित्र होयसड़ा मंदिरों को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स घोषित किया गया है.

 

'जीवों पर करूणा करें, उन्हें मित्र बनाएं'

'मन की बात' में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है- जीनेषु करुणा चापि, मैत्री तेषु विधीयताम्. अर्थात, जीवों पर करूणा कीजिए और उन्हें अपना मित्र बनाइए. हमारे तो ज्यादातर देवी-देवताओं की सवारी ही जीव-जन्तु हैं. एक अनोखा प्रयास राजस्थान के पुष्कर में किया जा रहा है. यहां, सुखदेव भट्ट जी और उनकी टीम मिलकर वन्य जीवों को बचाने में जुटे हैं, और जानते हैं उनकी टीम का नाम क्या है? उनकी टीम का नाम है- कोबरा. ये खतरनाक नाम इसलिए है क्योंकि उनकी टीम इस क्षेत्र में खतरनाक सांपों का रेस्क्यू करने का काम भी करती है. तमिलनाडु के चेन्नई में ऑटो ड्राइवर एम राजेंद्र प्रसाद जी भी एक अनोखा काम कर रहे हैं. वो पिछले 25-30 साल से कबूतरों की सेवा के काम में जुटे हैं. खुद उनके घर में 200 से ज्यादा कबूतर हैं. वो पक्षियों के भोजन, पानी, स्वास्थ्य जैसी हर जरुरत का पूरा ध्यान रखते हैं.

पीएम मोदी ने घोड़ा लाइब्रेरी का किया जिक्र 

पीएम नरेंद्र मोदी ने शो 'मन की बात' में नैनीताल की एक लाइब्रेरी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कुछ युवाओं ने बच्चों के लिए अनोखी घोड़ा लाइब्रेरी की शुरुआत की है. इस लाइब्रेरी की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि दुर्गम से दुर्गम इलाकों में भी इसके जरिए बच्चों तक पुस्तकें पहुंच रही हैं और इतना ही नहीं, ये सेवा, बिल्कुल निशुल्क है. अब तक इसके माध्यम से नैनीताल के 12 गांवों को कवर किया गया है.

 

‘करें भारत की विविधता का दर्शन’

मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस हैं, पर्यटन को कुछ लोग सिर्फ सैर-सपाटे के तोर देखते हैं, लेकिन पर्यटन का एक बहुत बड़ा पहलू रोजगार से जुड़ा है. मेरा आप सबसे आग्रह है कि जब आप कहीं घूमने जाने की योजना बनाएं, तो ये प्रयास करें कि भारत की विविधता का दर्शन करें.

पीएम ने जर्मनी की बेटी कैसमी का किया जिक्र

पीएम मोदी ने 'मन की बात' में कहा, ''भारतीय संस्कृति और भारतीय संगीत अब ग्लोबल हो चुका है. दुनिया भर के लोगों का लगाव दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है. एक प्यारी सी बिटिया द्वारा की गई एक प्रस्तुति उसका एक छोटा सा ऑडियो आपको सुनाता हूं, इसे सुनकर आप भी हैरान हो गए ना! कितनी मधुर आवाज है और हर शब्द में जो भाव झलकते हैं, ईश्वर के प्रति इनका लगाव हम अनुभव कर सकते हैं. अगर मैं ये बताऊं कि ये सुरीली आवाज जर्मनी की एक बेटी की है, तो शायद आप और अधिक हैरान होंगे. इस बिटिया का नाम- कैसमी है. 21 साल की कैसमी इन दिनों इंस्टाग्राम पर खूब छाई हुई हैं. जर्मनी की रहने वाली कैसमी कभी भारत नहीं आई हैं, लेकिन, वो भारतीय संगीत की दीवानी हैं,  जिसने, कभी भारत को देखा तक नहीं, उसकी भारतीय संगीत में ये रूचि, बहुत ही इस्पाइरिंग है.''

 

मुश्किल चुनौती, असाधारण उपलब्धियां

पीएम मोदी ने कहा कि कैसमी जन्म से ही देख नहीं पाती हैं, लेकिन ये मुश्किल चुनौती उन्हें असाधारण उपलब्धियों से रोक नहीं पाई. संगीत और क्रिएटीविटी को लेकर उनका पैशन कुछ ऐसा था कि बचपन से ही उन्होंने गाना शुरू कर दिया. भारतीय संगीत से उनका परिचय 5-6 साल पहले ही हुआ. भारत के संगीत ने उनको इतना मोह लिया-इतना मोह लिया कि वो इसमें पूरी तरह से रम गई. उन्होंने तबला बजाना भी सीखा है. संस्कृत, हिंदी, मलयालम, तमिल, कन्नड़ या फिर असमी, बंगाली, मराठी, उर्दू, उन्होंने इन सबमें अपने सुर साधे हैं. आप कल्पना कर सकते हैं, किसी को दूसरी अनजान भाषा की दो-तीन लाइनें बोलनी पड़ जाएं तो कितनी मुश्किल आती है, लेकिन कैसमी के लिए जैसे बाएं हाथ का खेल है. भारतीय संस्कृति और संगीत को लेकर जर्मनी की कैसमी के इस जुनून की मैं ह्रदय से सराहना करता हूं. उनका ये प्रयास हर भारतीय को अभिभूत करने वाला है.

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