फ्रांस में PM मोदी ने AI से खतरे को लेकर किया कही ऐसी बात कि जमकर बजी तालियां
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के अंत में यह भी कहा कि हम AI के युग की शुरुआत में हैं, जो मानवता के भविष्य को आकार देगा. उन्होंने यह भी कहा कि केवल मनुष्य ही दुनिया के सामूहिक भविष्य और साझा नियति की कुंजी रखते हैं और इस जिम्मेदारी का अहसास हमें मार्गदर्शन देना चाहिए.
फ्रांस में आयोजित AI एक्शन समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के महत्व पर चर्चा की. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि "AI 21वीं सदी में मानवता के लिए कोड तैयार कर रहा है." उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास को अभूतपूर्व गति और पैमाने पर होने वाली प्रक्रिया बताया.
AI के प्रभाव और वैश्विक सहयोग की जरूरत
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “AI अब अभूतपूर्व गति से विकसित हो रहा है और इसे तेजी से अपनाया जा रहा है. इसका सीमा पार गहरा प्रभाव और निर्भरता है. इसके लिए वैश्विक स्तर पर सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है, ताकि शासन और मानक स्थापित किए जा सकें, जो हमारे साझा प्रयासों का समर्थन करें और विश्वास को बढ़ावा दें.” उन्होंने कहा कि AI न केवल हमारी अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को आकार दे रहा है, बल्कि हमारे समाज को भी नया रूप दे रहा है.
AI के अवसर और चुनौतियां
प्रधानमंत्री मोदी ने AI के विकास की गति और उसके द्वारा उत्पन्न होने वाली नई चुनौतियों पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे एक मेडिकल रिपोर्ट को AI ऐप पर अपलोड करने से स्वास्थ्य सुझाव मिल सकते हैं, लेकिन जब वही ऐप किसी व्यक्ति को बाएं हाथ से लिखते हुए चित्रित करने को कहे, तो वह दाहिने हाथ से लिखते हुए चित्र बनाएगा. उन्होंने इस तरह के तकनीकी दोषों पर विचार करने की आवश्यकता जताई.
AI के लिए वैश्विक प्रयास और जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक स्तर पर AI को समुचित रूप से प्रबंधित करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा, “शासन का मतलब केवल जोखिमों और प्रतिद्वंद्विताओं का प्रबंधन नहीं है, बल्कि नवाचार को बढ़ावा देना और इसे वैश्विक भलाई के लिए लागू करना भी है. उन्होंने यह भी कहा कि AI की मदद से हम स्वास्थ्य, कृषि और जीवन को बेहतर बना सकते हैं, जिससे सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना आसान होगा.
AI और बेरोजगारी के मुद्दे पर विचार
प्रधानमंत्री मोदी ने AI द्वारा मानव कार्यों के प्रतिस्थापन के मुद्दे पर भी बात की. उन्होंने कहा, “AI का सबसे बड़ा प्रभाव नौकरियों पर होगा, लेकिन इतिहास ने यह दिखाया है कि तकनीकी विकास से काम खत्म नहीं होते, बल्कि उनका स्वरूप बदलता है और नए प्रकार की नौकरियां पैदा होती हैं.
क्या AI हमारी नौकरियां छीन लेगा?
प्रधानमंत्री ने एआई द्वारा मानव नौकरियों की जगह लेने की बात भी कही. उन्होंने कहा, "नौकरियां एआई के कारण सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाली बाधा हैं, लेकिन इतिहास ने दिखाया है कि तकनीक के कारण काम गायब नहीं होता. इसकी प्रकृति बदलती है और नई तरह की नौकरियां पैदा होती हैं। हमें एआई संचालित भविष्य के लिए अपने लोगों को कौशल और पुनः कौशल प्रदान करने में निवेश करने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि मानव मस्तिष्क अधिकांश प्रकाश बल्बों की तुलना में कम बिजली का उपयोग करके कविता लिखने और अंतरिक्ष यान डिजाइन करने में सक्षम है.
भारत का योगदान और अनुभव
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के तकनीकी क्षेत्र में उपलब्धियों को भी साझा किया. उन्होंने बताया कि भारत ने 1.4 बिलियन से अधिक लोगों के लिए डिजिटल सार्वजनिक ढांचा बेहद कम लागत में तैयार किया है. भारत AI के क्षेत्र में अग्रणी है और इसके पास एक विशाल AI प्रतिभा पूल है.