पीएम मोदी ने उत्तरकाशी टनल से निकाले गए श्रमवीरों से की बातचीत, जानें मजदूरों ने क्या बताया?

टनल में फंसे मजदूरों में 15 झारखंड से, 2 उत्तराखंड से, 5 बिहार से, 3 पश्चिम बंगाल से, 8 उत्तर प्रदेश से, 5 ओडिशा से, 2 असम से और 1 हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं.

Vineet Kumar

PM Modi speaks to Uttarkashi Silkyara Tunnel Survivors: पीएम मोदी ने मंगलवार देर शाम उत्तरकाशी टनल से निकाले गए श्रमवीरों से फोन पर बातचीत की और उनका हालचाल पूछा. 12 नवंबर से सिलक्यारा-बड़कोट टनल के अंदर फंसे मजदूरों को 17 दिनों तक चले मेगा रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 28 नवंबर को बाहर निकाल लिया गया. श्रमिकों को टनल से निकाले जाने के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी वहां मौजूद रहे.

निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग में मजदूरों के फंसने के बाद उनके रेस्क्यू के लिए पहले अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की गई. मजदूरों तक पहुंच से पहले करीब 10 फीट की दूरी पर मशीन ने काम करना बंद कर दिया. इसके बाद रेस्क्यू टीम ने टनल के ऊपर से रविवार को ड्रिलिंग शुरू की थी. इस बीच रेस्क्यू में रैट माइनर्स को मंगलवार को शामिल किया गया. रैट माइनर्स ने एक ही दिन में करीब 8 से 10 फीट की खुदाई कर दी. इसके बाद रेस्क्यू टीमों ने सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया.

पीएम मोदी ने रेस्क्यू मिशन टीम की जमकर सराहना की

श्रमिकों को बाहर निकाले जाने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री ने एक्स पोस्ट किया और श्रमिकों को सफलतापूर्वक और सुरक्षित रूप से बाहर निकालने के लिए बचाव टीमों के सप्ताह भर के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि मिशन से जुड़े सभी लोगों ने मानवता और टीम वर्क की अद्भुत मिसाल कायम की है.

पीएम मोदी ने लिखा- उत्तरकाशी में हमारे भाइयों के बचाव अभियान की सफलता हर किसी को भावुक कर रही है. मैं सुरंग में फंसे हुए दोस्तों से कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है. मैं आप सभी के अच्छे और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं.

जानें कहां-कहां के थे मजदूर

टनल में फंसे मजदूरों में 15 झारखंड से, 2 उत्तराखंड से, 5 बिहार से, 3 पश्चिम बंगाल से, 8 उत्तर प्रदेश से, 5 ओडिशा से, 2 असम से और 1 हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं. बता दें कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), सेना, भूमिगत सुरंग विशेषज्ञों और अन्य लोगों के 17 दिनों के बचाव प्रयासों के बाद मंगलवार शाम को टनल के अंदर फंसे सभी मजदूरों को निकाल लिया गया.