PM Modi speaks to Uttarkashi Silkyara Tunnel Survivors: पीएम मोदी ने मंगलवार देर शाम उत्तरकाशी टनल से निकाले गए श्रमवीरों से फोन पर बातचीत की और उनका हालचाल पूछा. 12 नवंबर से सिलक्यारा-बड़कोट टनल के अंदर फंसे मजदूरों को 17 दिनों तक चले मेगा रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 28 नवंबर को बाहर निकाल लिया गया. श्रमिकों को टनल से निकाले जाने के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी वहां मौजूद रहे.
निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग में मजदूरों के फंसने के बाद उनके रेस्क्यू के लिए पहले अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की गई. मजदूरों तक पहुंच से पहले करीब 10 फीट की दूरी पर मशीन ने काम करना बंद कर दिया. इसके बाद रेस्क्यू टीम ने टनल के ऊपर से रविवार को ड्रिलिंग शुरू की थी. इस बीच रेस्क्यू में रैट माइनर्स को मंगलवार को शामिल किया गया. रैट माइनर्स ने एक ही दिन में करीब 8 से 10 फीट की खुदाई कर दी. इसके बाद रेस्क्यू टीमों ने सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया.
श्रमिकों को बाहर निकाले जाने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री ने एक्स पोस्ट किया और श्रमिकों को सफलतापूर्वक और सुरक्षित रूप से बाहर निकालने के लिए बचाव टीमों के सप्ताह भर के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि मिशन से जुड़े सभी लोगों ने मानवता और टीम वर्क की अद्भुत मिसाल कायम की है.
पीएम मोदी ने लिखा- उत्तरकाशी में हमारे भाइयों के बचाव अभियान की सफलता हर किसी को भावुक कर रही है. मैं सुरंग में फंसे हुए दोस्तों से कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है. मैं आप सभी के अच्छे और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं.
उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 28, 2023
टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
यह अत्यंत…
पीएम मोदी ने कहा कि ये बहुत अच्छी और संतुष्ट करने वाली बात है कि लंबे इंतजार के बाद हमारे ये मित्र अब अपने प्रियजनों से मिलेंगे. इस चुनौतीपूर्ण समय में इन सभी परिवारों ने जिस धैर्य और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी सराहना की जाए कम है.
टनल से निकाले जाने के बाद मजदूरों ने कहा कि मलबा गिरने और अंदर फंसने के बाद अगले कुछ दिन हमारे लिए काफी कठिन थे. मजदूरों ने कहा कि शुरुआत के चार-पांच दिनों तक हमारे पास खाना था. हमारा मनोबल मजबूत था. शायद यही वजह है कि हम अपने परिजन से मिले.
उधर, मजदूरों के निकाले जाने के बाद उनके परिवार ने मंगलवार रात को दिवाली मनाई. मजदूरों के परिजन ने कहा कि दिवाली वाले दिन उनके घर के सदस्य के टनल में फंस जाने के बाद दिवाली नहीं मनाई गई थी, इसलिए उनके बाहर आने के बाद दिवाली मनाई गई.
मजदूरों के सकुशल निकाले जाने के बाद उनके परिजनों ने रेस्क्यू टीम और उत्तराखंड सरकार को धन्यवाद दिया. एक मजदूर की मां ने कहा कि मैं रेस्क्यू टीम के काम से काफी खुश हूं. मैं उन्हें दिल से धन्यवाद देती हूं.
टनल से निकाले गए मजदूर मंजीत के उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के रहने वाले हैं. उनके घर पर मंगलवार रात जश्न मनाया गया. मंजीत के पिता ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि मेरे बेटे को सुरक्षित बचा लिया गया है. सुरंग के अंदर फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए मैं भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं.
ओडिशा के नबरंगपुर के रहने वाले मजदूर भगवान बत्रा के घर भी दिवाली मनाई गई. भगवान बन्ना के परिजन ने कहा कि हमने पटाखे फोड़कर और मिठाइयां बांटकर अपनी खुशी बयां की है. ओडिशा के ही मयूरभंज के रहने वाले मजदूर श्रमिक धीरेन नाइक की मां ने सुरंग से श्रमिकों को बचाने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया.
#WATCH | Shravasti, UP: A relative of Santosh Kumar, one of the workers who was rescued from the Uttarkashi tunnel, said, "I am very happy... He asked us not to worry and said that he would return soon. 6 people from Shravasti were trapped inside the tunnel..." pic.twitter.com/KRWyCl4Skr
— ANI (@ANI) November 29, 2023
एक अन्य श्रमिक राम प्रसाद नरज़ारी के परिवार के सदस्य बहुत खुश दिखे और नरज़ारी की पत्नी ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं... मैं भारत सरकार को धन्यवाद देती हूं. नारज़ारी के पिता ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए मैं भारत सरकार और असम सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं... यह सुनकर मुझे राहत मिली है कि बचाए गए लोगों को अस्पताल ले जाया गया है.
यूपी के श्रावस्ती के रहने वाले राम मिलन भी टनल में अन्य मजदूरों के साथ फंस गए थे. उनके रेस्क्यू के बाद उनका परिवार खुशी मना रहा है. राम मिलन के बेटे संदीप कुमार ने कहा कि हम बहुत खुश हैं. मेरे रिश्तेदार मेरे पिता को वापस लाने के लिए उत्तराखंड गए हैं. मैं बचाव अभियान में शामिल सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं. एक अन्य मजदूर संतोष कुमार के एक रिश्तेदार ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं... उन्होंने हमें चिंता न करने के लिए कहा है. वे जल्द ही लौट आएंगे. संतोष कुमार की मां ने कहा कि हमने संतोष से फोन पर बात की है और वह इस समय अस्पताल में हैं. आज हमने दिवाली मनाई... हम केंद्र सरकार और बचावकर्मियों को धन्यवाद देते हैं.
#WATCH | Hooghly, West Bengal: Family members of Souvik and Jaidev, workers who were trapped in the Uttarkashi tunnel rejoiced as they were rescued from the tunnel. (28.11) pic.twitter.com/eOBNggxHwv
— ANI (@ANI) November 29, 2023
टनल में फंसे मजदूरों में 15 झारखंड से, 2 उत्तराखंड से, 5 बिहार से, 3 पश्चिम बंगाल से, 8 उत्तर प्रदेश से, 5 ओडिशा से, 2 असम से और 1 हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं. बता दें कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), सेना, भूमिगत सुरंग विशेषज्ञों और अन्य लोगों के 17 दिनों के बचाव प्रयासों के बाद मंगलवार शाम को टनल के अंदर फंसे सभी मजदूरों को निकाल लिया गया.