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India Daily

PM Modi Kuwait Visit: भारतीय कामगारों पर कितना निर्भर है कुवैत? तेल के कुओं से लेकर हेल्थ सेक्टर पर पूरी तरह से दबदबा

भारत और कुवैत के बीच 80 साल से भी पुराना तेल का रिश्ता है. इसके साथ ही कुवैत भारतीय कामगारों पर बहुत अधिक निर्भर है. तेल के कुओं से लेकर हेल्थ सेक्टर पर भारतीय श्रमिकों का कुवैत में पूरी तरह से दबदबा कायम है.

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
PM Modi Kuwait Visit
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PM Modi Kuwait Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21-22 दिसंबर को कुवैत के दौरे पर हैं. किसी भारतीय प्रधानमंत्री का 43 साल बाद कुवैत दौरा हो रहा है. यह यात्रा कुवैत के अमीर, महामहिम शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के निमंत्रण पर हो रही है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, पीएम मोदी की यह पहली कुवैत यात्रा है, जिससे भारत और कुवैत के बीच रिश्तों की अहमियत बढ़ जाती है. 

भारत और कुवैत के बीच लंबे समय से अच्छे रिश्ते रहे हैं और भारतीय कामगारों का कुवैत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है. कुवैत में भारतीय कामगारों की संख्या बहुत बड़ी है, खासकर स्वास्थ्य और तेल क्षेत्र में. कुवैत के अस्पतालों में भारतीय डॉक्टर और नर्स बड़ी संख्या में काम करते हैं और स्वास्थ्य सेवाओं की सफलता भारतीय कामगारों पर निर्भर है.

कुवैत से भारी मात्रा में भारत आता है तेल

इसके अलावा, कुवैत में तेल उद्योग में भी भारतीय श्रमिकों का दबदबा है. भारत कुवैत से हर साल लगभग 10 मिलियन बैरल तेल आयात करता है और कुवैत की तेल कंपनियों में भारतीय कामकाजी बल का बड़ा हिस्सा है. कुवैत में भारतीय कामगारों की बड़ी संख्या भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये कामगार अपने घर भारत में पैसे भेजते हैं. 

भारत और कुवैत के बीच कितना व्यापार?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुवैत से भारत भेजे जाने वाले पैसे का आंकड़ा 6.3 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है. इसके अलावा, 2023-2024 के वित्तीय वर्ष में दोनों देशों के बीच व्यापार 10.47 अरब डॉलर का रहा, जिसमें कुवैत से भारत को 7.9 अरब डॉलर का सामान प्राप्त हुआ, और भारत ने कुवैत को 2.5 अरब डॉलर का निर्यात किया. कुवैत से सबसे ज्यादा आयात तेल के रूप में होता है.