प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर अपनी मौजूदगी दर्ज की. इस मंच पर अपने पहले पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, "ट्रुथ सोशल पर आकर बहुत खुशी हुई! यहां सभी उत्साही आवाजों के साथ बातचीत और आने वाले समय में सार्थक संवाद करने की उम्मीद है."
ट्रंप ने शेयर किया था पॉडकास्ट
इससे पहले सोमवार को डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पीएम मोदी के उस पॉडकास्ट का लिंक शेयर किया था, जिसमें उन्होंने अमेरिकी पॉडकास्टर और कंप्यूटर साइंटिस्ट लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत की थी. इस पर पीएम मोदी ने ट्रंप को धन्यवाद देते हुए कहा, "मेरे दोस्त राष्ट्रपति ट्रंप, आपका शुक्रिया. मैंने अपनी जिंदगी की यात्रा, भारत के सभ्यतागत दृष्टिकोण, वैश्विक मुद्दों और अन्य कई विषयों पर बात की है."
तीन घंटे की बातचीत में ट्रंप पर चर्चा
रविवार को प्रसारित हुए इस तीन घंटे के पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन से कहा कि उनकी और ट्रंप की अच्छी बॉन्डिंग इसलिए है क्योंकि दोनों अपने-अपने देश को सबसे ऊपर रखते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि जब ट्रंप जो बाइडन के कार्यकाल में पद पर नहीं थे, तब भी उन दोनों के बीच आपसी भरोसा अटूट रहा.
मोदी ने ट्रंप की तारीफ करते हुए एक पुराना वाकया भी याद किया.
उन्होंने बताया कि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में ह्यूस्टन में हुए 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा नियमों को नजरअंदाज कर उनके कहने पर स्टेडियम का एक चक्कर लगाया था. मोदी ने कहा, "उनके साहस और मुझ पर भरोसे ने मुझे प्रभावित किया." उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप पर हुए हमले के बाद भी उनकी देशभक्ति में कोई कमी नहीं आई.
"अमेरिका फर्स्ट" और "इंडिया फर्स्ट" की समान सोच
पीएम मोदी ने कहा कि ट्रंप का "अमेरिका फर्स्ट" और उनका "इंडिया फर्स्ट" का नारा एक जैसी भावना को दर्शाता है, जिसके चलते दोनों नेताओं के बीच गहरी समानता है. ट्रुथ सोशल को ट्रंप ने 2022 में लॉन्च किया था, जब उन्हें 2021 में यूएस कैपिटल हमले के बाद फेसबुक और एक्स जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स से प्रतिबंधित कर दिया गया था.
वैश्विक मंच पर मजबूत रिश्ते का संकेत
मोदी का ट्रुथ सोशल से जुड़ना और ट्रंप के साथ उनकी यह बातचीत दोनों नेताओं के बीच मजबूत रिश्ते को दर्शाती है. यह कदम न सिर्फ व्यक्तिगत दोस्ती को बल्कि भारत-अमेरिका के रणनीतिक संबंधों को भी मजबूती देने का संदेश देता है.