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पहलगाम हमले की पाकिस्तान चुकाएगा बड़ी कीमत, पीएम मोदी ने सेनाओं को दी 'पराक्रम' दिखाने की पूरी आजादी

प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले और जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की. बता दें कि, यह बैठक सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक से एक दिन पहले हुई है.

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Edited By: Mayank Tiwari
PM Modi chairs a meeting with Defence Minister, NSA, CDS and chiefs of all Armed Forces
Courtesy: Social Media

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  मंगलवार (29 अप्रैल) को अपने दिल्ली आवास पर एक हाई लेवल बैठक की अध्यक्षता की. जिसमें पिछले हफ्ते पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद के हालात और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई. ये बैठक 90 मिनट से अधिक समय तक चली. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री के आश्वासन को दोहराया था कि भारत आतंकवादियों और उनके आकाओं को दंडित करेगा. इस मौके पर मौजूद थे, साथ ही एनएसए अजीत डोभाल और सीडीएस जनरल अनिल चौहान भी मौजूद थे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान पीएम मोदी ने इस खतरे का जवाब देने में भारतीय सेना की क्षमता पर विश्वास और भरोसा जताया. साथ ही उन्हें जवाब देने के तरीके, टारगेट और समय के बारे में फैसले लेने की पूरी स्वतंत्रता दी. बता दें कि, ये बैठक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की सात दिनों में दूसरी बार होने वाली बैठक से एक दिन पहले हुई है.

अब राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की होगी बैठक

सूत्रों का कहना है कि इस बैठक के बाद राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक होगी, जिसका नेतृत्व भी पीएम मोदी करेंगे और इसमें 5 सदस्यीय सीसीएस के अलावा सड़क परिवहन मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, कृषि मंत्री और रेल मंत्री शामिल होंगे. सीसीएस में प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हैं.

सूत्रों ने आगे बताया कि सीसीएस और सीसीपीए के बाद आर्थिक मामलों की समिति की भी बैठक होगी. ऐसे में हाई लेवल बैठकों का ये क्रम पहलगाम हमले और पाकिस्तान द्वारा सीमापार आतंकवाद को लगातार बढ़ावा दिए जाने के प्रति भारत की प्रतिक्रिया की गहन योजना को दिखाती है.

जानें PAK के खिलाफ कैसी रही भारत की अब तक की योजना?

पहलगाम में हुई घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द कर दिए, सिवाय पाकिस्तानी हिंदुओं और लंबी अवधि के प्रवास की मंज़ूरी वाले लोगों के. सरकार ने मेडिकल वीज़ा भी रद्द कर दिए थे. पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी अधिसूचित वीज़ा रविवार, 27 अप्रैल को समाप्त हो गए, जिसके कारण अटारी-वाघा चेकप्वाइंट सहित सीमा चौकियों पर पाकिस्तानी नागरिकों की लंबी कतार लग गई.

गुरुवार को जब पहली बार निरस्तीकरण आदेश जारी किया गया था, तब से लगभग 1,000 पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़ चुके हैं. ऐसे में गृह मंत्री अमित शाह ने व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्रियों से आदेश को लागू करने के लिए कहा है.