PM Modi Cabinet List: 9 जून की शाम को नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली. NDA की जीत के बाद मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा जोरों पर रही जिसमें आज विराम लग गया है. पहली ही बार में 71 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. यानी नई कैबिनेट 72 की हो गई है. इसमें सबसे खास बात ये की इस कैबिनेट में 7 पूर्व मुख्यमंत्री हैं. अब इनके विभागों पर सबकी नजर होगी.
तीसरे टर्म में मोदी सरकार में 30 कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली है. इसके साथ ही 5 नेताओं ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली है. वहीं 36 नेताओं को राज्य मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है.
मंत्रिमंडल में 7 पूर्व मुख्यमंत्री
इस बार के मंत्री मंडल में 7 पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हैं. इसमें सबसे पहला नाम खुद नरेंद्र मोदी का है. इसके बाद राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, सर्बानंद सोनेवाल, एचडी कुमार स्वामी और जीतन राम मांझी का नाम शामिल हैं.
1- नरेंद्र मोदी
पहला नाम खुद प्रधानमंत्री का है. वो 3 बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. अब वो तीसरी बार प्रधानमं6ी बने हैं.
2- राजनाथ सिंह
मंत्रिमंडल में नंबर दो राजनाथ सिंह हैं. वो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं. लखनऊ संसदीय सीट से इस बार जीते हैं. पहले भी मंत्रिमंडल में रह चुके हैं.
3- शिवराज सिंह चौहान
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा बने हैं. वो 4 बार MP के सीएम रह चुके हैं. वो विदिशा लोकसभा से जीते हैं.
4- मनोहर लाल खट्टर
हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर को अपने दूसरे कार्यकाल के अंतिम महीनों में इस्तीफा देना पड़ा था. पूर्व मुख्यमंत्री ने करनाल सीट जीती.
5- सर्बानंद सोनेवाल
असम के मुख्यमंत्री सोनोवाल ने 2021 में हिमंत बिस्वा सरमा के लिए कुर्सी खाली कर दी थी. इससे पहले भी वो केंद्र में मंत्री रह चुके हैं.
6- एचडी कुमारस्वामी
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पूर्व PM एचडी देवेगौड़ा के बेटे हैं. इस बार वो JDS की टिकट से मांड्या से जीतकर आए हैं.
7- जीतनराम मांझी
जीतनराम मांझी को नीतीश कुमार ने बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था. इस बार वो अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के बैनर से गया से जीते हैं.
कर्नाटक और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री, भाजपा नेता बसवराज बोम्मई और बिप्लब देब ने भी लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है. हालांकि, उन्हें मंत्री नहीं बनाया दया है. संभावना जताई जा रही है कि उन्हें अगले विस्तार में स्थान दिया जा सकता है. या फिर उन्हें संगठन के कामों में लगाया जा सकता है.