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'झूठे वादों की संस्कृति': पीएम मोदी ने चुनावी गारंटियों को लेकर कांग्रेस को लताड़ा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कर्नाटक, हिमाचल और तेलंगाना सहित कांग्रेस शासित राज्य वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे हैं, क्योंकि सबसे पुरानी पार्टी अपनी तथाकथित गारंटी को लागू करने में विफल रही है.

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Edited By: Mayank Tiwari
PM Modi And Mallikarjun Kharge
Courtesy: Social Media

PM Modi on Congress: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (1 नवंबर) को कांग्रेस पर निशाना साधा है. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने लोगों से "नकली" वादे किए हैं. उन्होंने कहा कि गरीब, युवा, किसान और महिलाएं "ऐसी राजनीति का शिकार" बन गए हैं. उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की उस सलाह की पृष्ठभूमि में आई है जिसमें उन्होंने अपनी पार्टी की इकाई को केवल वही वादे करने की सलाह दी थी जो वित्तीय रूप से मजबूत हों. पीएम मोदी ने कहा, "देश के लोगों को कांग्रेस द्वारा प्रायोजित झूठे वादों की संस्कृति के खिलाफ सतर्क रहना होगा! 

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट शेयर की. जिसमें पीएम मोदी ने कहा कि हमने हाल ही में देखा कि कैसे हरियाणा के लोगों ने उनके झूठ को खारिज कर दिया और एक ऐसी सरकार को प्राथमिकता दी जो स्थिर, प्रगति उन्मुख और कार्रवाई से प्रेरित हो. उन्होंने कहा कि, कांग्रेस पार्टी को यह बात अब समझ में आ रही है कि झूठे वादे करना तो आसान है, लेकिन उन्हें सही तरीके से लागू करना मुश्किल या नामुमकिन है. वे लगातार प्रचार अभियान चलाकर लोगों से ऐसे वादे करते हैं, जिन्हें वे कभी पूरा नहीं कर पाएंगे. अब वे लोगों के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं!

देश को दी हुई गारंटी नहीं हुई पूरी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कर्नाटक, हिमाचल और तेलंगाना सहित कांग्रेस शासित राज्य वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे हैं, क्योंकि सबसे पुरानी पार्टी अपनी तथाकथित गारंटी को लागू करने में विफल रही है. उन्होंने कहा, "आज कांग्रेस की सरकार वाले किसी भी राज्य - हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना - पर नजर डालें तो विकास की गति और वित्तीय स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. उनकी तथाकथित गारंटी पूरी नहीं हुई है, जो इन राज्यों के लोगों के साथ भयानक धोखा है. इस तरह की राजनीति के शिकार गरीब, युवा, किसान और महिलाएं हैं, जिन्हें न केवल इन वादों के लाभों से वंचित किया जा रहा है, बल्कि उनकी मौजूदा योजनाओं को भी कमजोर किया जा रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा वह गलत है!

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रधानमंत्री मोदी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कर्नाटक सरकार वादा किए गए योजनाओं को लागू कर रही है. उन्होंने कहा, "हम कर्नाटक में हर चीज को बेहतर तरीके से लागू कर रहे हैं. ऐसे में कोई भी इसकी जांच कर सकता है. हम अपने वादों को लागू कर रहे हैं, जो कांग्रेस के वादों का एक स्पष्ट मॉडल है. हमने जो भी वादा किया है, उसे कर्नाटक में लागू कर रहे हैं. कोई भी इसकी जांच कर सकता है. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने जो कहा वह गलत है...मूल रूप से, भारत सरकार अपने वादे पूरे नहीं कर रही है. वे हमें वादा पूरा न करने के लिए दोषी ठहरा रहे हैं. लेकिन हम अपने वादों को पूरा कर रहे हैं.

कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी राजनीति में व्यस्त 

बिना किसी का नाम लिए पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर कर्नाटक में अंदरूनी राजनीति में शामिल होने और अपने शासन वाले राज्यों को लूटने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि "कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी राजनीति और लूट में व्यस्त है, विकास करने की परवाह किए बिना. इतना ही नहीं, वे मौजूदा योजनाओं को भी वापस लेने जा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जाता. तेलंगाना में किसान अपने वादे के मुताबिक छूट का इंतजार कर रहे हैं. इससे पहले छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उन्होंने कुछ भत्ते देने का वादा किया था, जो पांच साल तक लागू नहीं किए गए. कांग्रेस किस तरह काम करती है, इसके कई उदाहरण हैं.

जानिए कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने क्या कहा था?

बता दें कि, इससे पहले आज कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने सावधानीपूर्वक योजना बनाने की जरूरत पर जोर दिया था और कहा था कि जल्दबाजी में लिया गया कदम वित्तीय बोझ बढ़ा सकता है, जोकि, भावी पीढ़ियों को प्रभावित कर सकता है. यह राज्य सरकार द्वारा शक्ति योजना पर पुनर्विचार करने के प्रस्ताव के बाद आया है, जो महिलाओं के लिए मुफ्त बस परिवहन प्रदान करती है. उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में, मैंने सलाह दी कि उन्हें 5, 10 या 20 गारंटी की घोषणा नहीं करनी चाहिए. गारंटी बजट पर आधारित होनी चाहिए. अन्यथा, दिवालियापन हो जाएगा. अगर सड़कों के लिए पैसे नहीं हैं, तो लोग आपके खिलाफ हो जाएंगे. अगर यह सरकार विफल होती है, तो आने वाली पीढ़ियों को केवल खराब प्रतिष्ठा विरासत में मिलेगी. उन्हें एक दशक तक निर्वासन का सामना करना पड़ेगा.