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फलोदी सट्टा बाजार में हो गया खेल, AAP-BJP में कांटे की टक्कर के बीच इस पार्टी के बढ़ गए भाव!

Phalodi Satta Bazar Prediction Delhi Assembly Election: फलौदी सट्टा बाजार ने दिल्ली चुनाव को लेकर अलग-अलग अनुमान लगाया जा रहा है. सट्टा बाजार (Satta Bazaar) के मुताबिक, दिल्ली में फिर दो पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर चल रही है.

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Phalodi Satta Bazar Prediction Delhi Assembly Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव प्रचार पीक पर है. सियासी गलियारे में इस बात की भविष्यवाणियां चल रही हैं कि कौन सी पार्टी बाजी मारेगी, किसके सिर जीत का सेहरा चढ़ेगा. इन सबके बीच सट्टा बाजार में भी दिल्ली विधानसभा चुनावा को लेकर माहौल गरम हो गया है. राजस्थान के फलोदी सट्टा बाजार में सेटरियों की भविष्यावाणियां की सटीकता हमेशा चर्चा का विषय रही है. अभी फलोदी सट्टा बाजार में कौन आगे चल रहा कौन पीछे उसके आंकड़ों को लेकर बाजार के सटेरियों ने भविष्यवाणियां की है. आइए जानते हैं कि आखिर सट्टा बाजार में किस पार्टी को जीत मिलती दिख रही है.

आम वोटर से लेकर सर्वे एजेंसियों और सट्टा बाजार (फलोदी सट्टा बाजार) तक, हर कोई अपने-अपने हिसाब से सरकार बनाने का दावा कर रहा है. दिल्ली में अगली सरकार किस पार्टी की बनेगी, यह तस्वीर 8 फरवरी 2025 को साफ होगी, लेकिन उससे पहले सबके अपने-अपने दावे हैं.

आम आदमी पार्टी का क्या है हाल, कितना चल रहा है भाव

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए फलोदी सट्टा बाजार में आम आदमी पार्टी के 70-80 पैसे का भाव चल रहा है. यह भाव संकेत दे रहा है कि चुनाव में अभी पार्टी की स्थिति अच्छी है. वह रेस में बनी हुई है. फलोदी बाजार में जिस पार्टी का भाव जितना कम होता है वह उसके जीत के प्रतिशत को और कम दर्शाता है. 

फलोदी सट्टा बाजार में कैसी है BJP का चुनावी हाल और क्या कहते हैं आंकड़े

राजस्थान के फलोदी सट्टा बाजार में दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के लिए 1 रुपये और 50 पैसे का भव खोल गया है. ये बीजेपी की मजबूत स्थिति को दिखाता है. जब भी सट्टा बाजार में किसी पार्टी के भाव की चर्चा या रेट अधिक होते हैं तो इसका मतलब कि वह पार्टी मजबूत स्थिति में चल रही है. सट्टा बाजार के लोग उस पार्टी की सरकार बनवाने के लिए इच्छुक हैं.

फलोदी बाजार में कैसा चल रहा है कांग्रेस का भाव

कांग्रेस को लेकर फलोदी सट्टा बाजार अभी कोई भविष्यवाणी नहीं हुई है. कांग्रेस के चुनाव जीतने को लेकर भाव का खुलासा नहीं किया गया है. बाजार में इस बार कांग्रेस की स्थिति कमजोर नजर आ रही है. 1998 से 2013 तक दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी. लेकिन आज कांग्रेस की स्थिति बिल्कुल उलट है .

डिस्क्लेमर: इस खबर से इंडिया डेली का कोई वास्ता नहीं है. यह खबर फलोदी सट्टा बाजार के जानकारों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार लिखी गई है. हम ऐसी चीजों को बढ़ावा नहीं देते.