पेट्रोल-डीजल की कीमत, कंपटीशन में चल रहा दिल्ली, यूपी और बिहार, जानिए आपके शहर का हाल
राष्ट्रीय तेल कंपनियां हर दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें अपडेट करती है. आज दिल्ली में डीजल औसत कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. यानी कल 31 अगस्त से लेकर अब तक राजधानी में डीजल की कीमतों में कोई विशेष बदलाव नहीं हुआ है. वहीं बात मेट्रो शहरों में डीजल की कीमतों की करें तो चेन्नई में आज 92.34 रुपये, कोलकाता में 91.76 और मुंबई में 89.97 रुपये प्रति लीटर है. यानी कल से अब तक यहां कोई बदलाव नहीं हुआ है.
Petrol Diesel Price Today: राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में आज फिर से पेट्रोल-डीजल की कीमत में बदलाव देखा गया है. हालांकि दिल्ली में डीजल की औसत कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. यहां कल, 31-08-2024 को भी डीजल की कीमत इतनी ही थी. यानी कल से लेकर अब तक दिल्ली में डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
वहीं बात यूपी की करें तो यहां डीजल की औसत कीमत 88.17 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. उत्तर प्रदेश में कल यानी 31 अगस्त को की भी डीजल की कीमत इतनी ही थी. कुल मिलाकर कल से अब तक में उत्तर प्रदेश में डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जो आम आदमी के लिए एक राहत की बात है.
मेट्रो शहरों में डीजल की कीमत
हालांकि मेट्रो शहरों में डीजल की कीमतों में कल से अब तक में ज्यादा कोई असर नहीं दिख रहा. मेट्रो शहरों में डीजल की कीमतों की करें तो चेन्नई में आज 92.34 रुपये, कोलकाता में 91.76, मुंबई में 89.97 रुपये प्रति लीटर है, कल भी कमोबेश यही कीमत थी.
बिहार में डीजल की कीमत क्या है?
डीजल की बढ़ती कीमत में बिहार में पीछे नहीं है. यहां आज यानी 1 सितंबर को डीजल की औसत कीमत 92.99 रुपये प्रति लीटर है, वहीं पिछले महीने की आखिरी तारीख को बिहार में डीजल की कीमत 93.06 रुपये प्रति लीटर थी, जिसकी तुलना में दाम अब 0.07 फीसदी घटा है. वहीं पिछले 10 दिनों में बिहार में डीजल की औसत कीमत 92.00 रुपये प्रति लीटर रही है.
क्यों अपडेट होती है पेट्रोल-डीजल?
बता दें कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से ईंधन की लागत पर उत्पाद शुल्क, डीलर कमीशन और वैट जोड़ने के बाद डीजल की खुदरा दर तय की जाती है. यह योजना जून 2017 से देशभर में लागू है. यही वजह है कि सभी राज्यों में रोज सुबह 6 बजे डीजल की कीमत अपडेट की जाती है. वहीं डीजल -पेट्रोल की कीमत में बदलाव अमेरिकी डॉलर का एक्सचेंज रेट, कच्चे तेल की लागत, वैश्विक संकट, ईंधन की बढ़ती मांग जैसे कारणों के वजह से होता है.