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India Daily

Ramlala Pran Pratishtha: PM मोदी के हाथों रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के खिलाफ दायर हुई याचिका, जानें क्या है आरोप

Ramlala Pran Pratishtha: इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर रोक लगाने की मांग की गई है.

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Edited By: Aparajita Singh
Ram Mandir

हाइलाइट्स

  • 'अपूर्ण मंदिर में नहीं हो सकती प्राण प्रतिष्ठा'
  • याचिका में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को कहा चुनावी स्टंट

Ramlala Pran Pratishtha: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में अब सिर्फ पांच दिन ही बचे हैं. इसी बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है. दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. इस याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की गई है. इसके साथ ही इस याचिका में बीजेपी पर हमला करते हुए ये आरोप लगाया गया है कि वो आने वाले लोकसभा चुनाव में फायदा के लिए ये आयोजन करवा रही है. इस जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है. 

किसने दायर की याचिका 

प्राण प्रतिष्ठा पर रोक लगाने की ये याचिका उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के भोला दास की ओर से दाखिल की गई है. इस जनहित याचिका में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर शंकराचार्य की आपत्ति का हवाला देते हुए इसपे रोक लगाने की मांग की गई है. इसके साथ ही इसे सनातन परंपरा के खिलाफ बताया गया है.

क्या है आरोप ?

जनहित याचिका में केंद्र की बीजेपी सरकार पर राम मंदिर आयोजन का इस्तेमाल आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए करने का आरोप लगाया गया है. इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि पौष महीने में कोई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाते हैं. साथ ही मंदिर अभी पूरी तरह से बना नहीं है और किसी भी अपूर्ण मंदिर में देवी, देवता की प्राण-प्रतिष्ठा नहीं हो सकती है.

इतना ही नहीं, याचिका में राम मंदिर के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के शामिल होने पर भी सवाल उठाया गया है. पीएम और सीएम योगी का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होना संविधान के ख़िलाफ़ बताते हुए इस कार्यक्रम को सिर्फ एक चुनावी स्टंट बताया गया है.