पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में भड़की हिंसा को लेकर कोर्ट की निगरानी में SIT जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को याचिका दायर की गई. एक न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, अधिवक्ता शशांक शेखर झा द्वारा दायर इस याचिका में हिंसा से प्रभावित लोगों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए शीर्ष अदालत से निर्देश देने की भी मांग की गई है.
जंगीपुर में हिंसक प्रदर्शन
अफवाहों पर सख्ती
शमीम ने अफवाहों को रोकने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, “हमने अब तक 210 लोगों को गिरफ्तार किया है. अफवाहें तनाव को फिर से भड़का सकती हैं. मैं सभी से शांति बनाए रखने और तथ्यों की जांच करने की अपील करता हूं.” एक पिता और पुत्र की क्रूर हत्या के मामले में उन्होंने कहा, “इसके लिए अलग मामला दर्ज होगा. सभी दोषी - चाहे प्रत्यक्ष अपराधी हों या बायस्टैंडर - जवाबदेह होंगे. उनकी पहचान में समय लगेगा, लेकिन कोई भी बख्शा नहीं जाएगा.”
पुलिस की अपील
सोमवार सुबह पुलिस ने पूरे जिले में लाउडस्पीकर से घोषणाएं कीं, दुकानदारों से दुकानें खोलने और लोगों से सामान्य जीवन शुरू करने की अपील की. शमीम ने कहा, “हमारी प्राथमिकता पूर्ण सामान्य स्थिति बहाल करना है. हमें विश्वास है कि मुर्शिदाबाद जल्द ही शांत हो जाएगा.”
कोर्ट का हस्तक्षेप
शनिवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने वक्फ कानून विरोध से जुड़ी हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की तत्काल तैनाती का आदेश दिया. इस हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई और 100 से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए. जस्टिस सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, “जब ऐसी परिस्थितियां सामने आती हैं, तो कोर्ट आंखें बंद नहीं रख सकता.” कोर्ट ने छुट्टी के दिन इस याचिका पर सुनवाई की, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है.