Baba Siddique: एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद पूरे देश में सुरक्षा कानून पर बहस छिड़ गया है. बाबा सिद्दीकी की हत्या से पहले उन्हें धमकी दी गई थी. जिसके कारण उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा भी दी गई. इसके बाद भी इस घटना को रोका नहीं जा सका. हमलावरों को पता था कि उनकी एक छोटी सी गलती उनपर भारी पड़ सकती है, इसलिए उन्होंने हर एक चीज पर बारीकी से ध्यान रखा था. कई महीनों तक उन्होंने सिद्दीकी की गतिविधियों की रेकी की. कार्यालय परिसर से लेकर घर तक आने जाने का पूरा डेटा कलेक्ट किया. इसके बाद मौका मिलते ही घटना को अंजाम दे दिया.
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने किया डील
महाराष्ट्र पुलिस ने मौके पर ही इस घटना में संलिप्त तीन में से दो शूटरों को पकड़ भी लिया. इन शूटरों ने कई खुलासे किए हैं. उन्होंने बताया कि ये कुर्ला इलाके में एक किराए के कमरे में रहते थे. गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने इन्हें घटना से पहले 50 हजार रुपये दिया था. हत्या के बाद 2 लाख रुपये और देने की बात कही गई थी. शूटरों को सिद्दीकी की तस्वीरें दी गई थी और घटना को अंजाम देकर वहां से भागने को कहा गया था.
चीली स्प्रे का किया इस्तेमाल
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने सिद्दीकी पर छह गोलियां चलाई गई थी. जिसमें से तीन गोली उन्हें सीने और पेट पर लग गई. कार्यालय के पास गोली मारने के बाद शूटर दुर्गा पूजा जुलूस के बीच से निकलक गए। इस दौरान हमालवरों ने चीली स्प्रे की मदद से सुरक्षा में तैनात पुलिस गार्ड को ध्यान भटकाने का कोशिश किया. चीली स्प्रे मारकर सभी शूटर एक पार्क में घूस गए. इसी दौरान पुलिस ने वायरलेस की मदद से पार्क को घेरने का आदेश दिया. चारो तरफ से घेरे जाने के बाद दो हमलावर पकड़े गए. वहीं तीसरा वहां से भाग निकला.
पटाखे का उठाया फायदा
पुलिस ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि हमलावरों ने पटाखे और भीड़ का फायदा उठाया था. उनके पास से दो ग्लॉक ऑटोमैटिक पिस्तौल, 28 गोलियों से भरी चार मैगजीन, चार मोबाइल फोन, आधार कार्ड और एक बैग बरामद किया गया है। वहीं इस पूरे कांड से जुड़े अन्य लोगों की खोजबीन जारी है.