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India Daily

'भारत-बांग्लादेश में कोई फर्क नहीं', महबूबा मुफ्ती ने संभल शाही मस्जिद विवाद पर क्यों दिया ऐसा बयान?

महबूबा मुफ्ती ने अपनी प्रतिक्रिया में देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया और बांग्लादेश में हो रही घटनाओं की तुलना भारत से की. साथ ही उन्होंने देश में भाईचारे और धार्मिक सौहार्द्र की मिसालों को बचाने की अपील की.

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Edited By: Mayank Tiwari
PDP Chief Mehbooba Mufti
Courtesy: X@MehboobaMufti

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. इस दौरान उन्होंने इसे 'अत्यंत दुखद' बताया, उन्होंने मस्जिद सर्वे के बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों को लेकर चिंता जताई और हाल ही में मस्जिदों और धार्मिक स्थलों को लेकर की जा रही दावों पर भी चिंता व्यक्त की.

न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, "आज मुझे डर है कि जिस स्थिति की हम 1947 में साक्षी बने थे, वही स्थिति हम फिर से देख रहे हैं. आज जब युवाओं की बात होती है, वे रोजगार की बात करते हैं, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिलता. हमारे पास अच्छे अस्पताल और शिक्षा की सुविधाएं नहीं हैं... सड़कें सुधारने की बजाय मस्जिदों को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. संभल की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, कुछ लोग जो अपनी दुकानों में काम कर रहे थे, उन्हें गोली मार दी गई.

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की चिंता

महबूबा मुफ्ती ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का भी जिक्र किया और कहा, "बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं. अगर भारत में भी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किए जाएंगे, तो भारत और बांग्लादेश में क्या अंतर रहेगा?... मुझे भारत और बांग्लादेश के बीच कोई अंतर नजर नहीं आता.

अजमेर शरीफ दरगाह पर विवाद और भाईचारे की मिसाल

उन्होंने अजमेर शरीफ दरगाह के बारे में भी टिप्पणी की, जहां विभिन्न धर्मों के लोग पूजा अर्चना करने आते हैं. महबूबा मुफ्ती ने कहा, "अजमेर शरीफ दरगाह भाईचारे का सबसे बड़ा उदाहरण है, जहां लोग सभी धर्मों के होते हुए भी एक साथ पूजा करते हैं. अब इसे भी खोदकर मंदिर खोजने की कोशिश की जा रही है.

बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर भी हमला

इस बीच, बांग्लादेश के चटगांव में शुक्रवार को एक भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों पर हमला किया. यह हिंसा उस समय भड़की जब एक पूर्व इस्कॉन पुजारी के खिलाफ देशद्रोह के आरोप लगाए गए. यह हमला चटगांव के हरिशचंद्र मुंसेफ लेन में स्थित शांतानेश्वरी मात्री मंदिर, शनि मंदिर और शांतानेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर पर हुआ. हाल के महीनों में हिंदू मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसके खिलाफ मानवाधिकार संगठनों और भारत ने कड़ी निंदा की है.