पतंजली भ्रामक मेडिकल विज्ञापन केस की मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. बाबा राम देव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को भी सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव और पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण भी मौजूद रहे. सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की माफी को फिर खारिज कर दिया है. अब 30 अप्रैल को इस केस की अगली सुनवाई होगी.
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने भ्रामक विज्ञापन केस में व्यक्तिगत माफी भी मांगी है. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने केस की सुनवाई की. केस की सुनवाई के दौरान जजों ने तल्ख सवाल पूछे.
जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा, 'आपने जो पत्र जारी किया था, उस पर हम संज्ञान ले रहे हैं. आपको उसकी व्याख्या करनी होगी. पतंजलि उस पत्र को हटा रहा है. आप रजिस्ट्रिंग बॉडी को पार्टी क्यों नहीं बनाते हैं.' बेंच ने नेशनल मेडिकल कमीशन को भी तलब किया है.
जब कोर्ट ने पूछा अदालत में विज्ञापन का साइज
पतंजली के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, 'हमने माफीनामा दाखिल कर दिया है. देश के 67 अखबारों में इसे प्रकाशित किया गया है.'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'जितने बड़े आपके विज्ञापन होते हैं, माफीनामे का साइज भी वैसा ही था?' मुकुल रोहतगी ने कहा, 'नहीं इसमें बहुत ज्यादा रकम खर्च होती है. लाखों रुपये लगते हैं.' सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वे माफीनामा जारी करें, जिसमें लिखा हो कि उनसे गलती हुई है. इस केस की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी.