Parliament Session 2024: 18वीं लोकसभा के लिए स्पीकर का चुनाव हो गया. दूसरी बार इस पद को ओम बिरला संभालेंगे. इसके बाद अब एक बार फिर से डिप्टी स्पीकर के पद को लेकर चर्चा होने लगी है. माना जा रहा है BJP इसे विपक्ष को देने के मूड में नहीं है. ऐसे में ये बात लगभग-लगभग तय है कि ये पद BJP या NDA के सहयोगी के पास जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो सबसे बड़ी दावेदारी TDP और JDU की है. इस बीच तेलगू देशम पार्टी ने इस पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ दी है. जिससे सवाल उठ रहा है कि क्या चंद्रबाबू नायडू और BJP में बात बन गई है.
अभी भी ये भी स्पष्ट नहीं है कि 18वीं लोकसभा में उपाध्यक्ष होगा भी या नहीं. हालांकि, इस बीच तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने कहा है कि उसे इस पद में कोई दिलचस्पी नहीं है. बयान ऐसी अटकलों के दौरान आया है जब ये चर्चा चल रही है कि यह पद किसी सहयोगी को मिल सकता है.
टीडीपी प्रवक्ता पट्टाबीराम कोम्मारेड्डी ने बुधवार को कहा कि हम इस पद के लिए इच्छुक नहीं हैं. हमने पहले भी ये स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा 'भाजपा ने भी टीडीपी से इस पद के लिए संपर्क नहीं किया है. इस बारे में कोई बैठक भी अभी तक नहीं हुई है. इसके साथ ही TDP के अन्य बड़े नेताओं ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया है. पार्टी की ओर से कहा गया कि अगर ये पद किसी सहयोगी को दिया जाता है तो हमें कोई आपत्ति भी नहीं है.
खुद को इस पद से किनारे करने के बाद विपक्ष को पद देने के सवाल पर पट्टाबी राम कोम्मारेड्डी ने साफ मना कर दिया. जब उनसे पूछा गया कि क्या विपक्ष को परंपरा के अनुसार यह पद मिलना चाहिए तो उन्होंने कहा 'उन्हें पहले जनादेश को स्वीकार करना चाहिए. उनका मन सदन में हंगामा करने और कामकाज में बाधा डालने का रहा है. वो जब तक परंपरा का पालन नहीं करते उनको यह भूमिका नहीं दी जा सकती है.
डिप्टी स्पीकर के पद को लेकर JDU के बड़े नेता ने कहा कि भाजपा ने अभी इस बारे में कुछ नहीं सोचा है. BJP की ओर से हमें यह संकेत भी नहीं दिया है कि उपसभापति का पद होगा या नहीं और यदि होगा तो क्या वे इसे हमें देने में रुचि रखते हैं. वहीं JDU के अन्य नेता की मानें तो इस पद की मांग करना अजीब होगा. क्योंकि, राज्यसभा में हमारे पर पहले से उप सभापति हैं.
माना जा रहा है कि उपसभापति पद के लिए विपक्ष को मौका दिया जा सकता था लेकिन उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार ओम बिरला का समर्थन नहीं किया. उन्होंने अपना उम्मीदवार उतारा लेकिन वो ध्वनि मत से हार गए. टीडीपी के सूत्र ने कहा कि अगर विपक्ष ने स्पीकर ओम बिरला की उम्मीदवारी का समर्थन किया होता तो एनडीए डिप्टी स्पीकर की उनकी मांग पर विचार कर सकती थी.