Congress Over Protem Speaker: कांग्रेस नेता के सुरेश 8वीं बार लोकसभा सांसद चुने गए हैं, उनके बजाए 7वीं बार सांसद चुने गए भाजपा के भर्तृहरि मेहताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने से कांग्रेस नाराज है. सूत्रों के मुताबिक, INDIA ब्लॉक के सांसदों ने नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान प्रोटेम स्पीकर की मदद के लिए स्पीकर की कुर्सी पर नहीं बैठने का फैसला किया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक में शामिल अन्य पार्टियां इस बात से नाराज हैं कि परंपरा को तोड़ा गया है क्योंकि मेहताब को 8 बार के कांग्रेस सांसद के सुरेश के बजाय प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है. कांग्रेस ने पार्टी के सबसे सीनियर दलित सांसद कोडिक्कुन्निल सुरेश की जगह मेहताब को लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने के केंद्र सरकार के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि भाजपा की ओर से की गई नियुक्ति सीनियर सदस्य को नियुक्त करने की पारंपरिक प्रथा से हटकर है.
कांग्रेस के 8वीं बार के सांसद के सुरेश ने कहा कि हम दावा कर रहे हैं कि 8वीं बार सांसद चुने गए व्यक्ति को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए. उन्होंने (भाजपा) गलत किया है और अब पूरा देश भाजपा सरकार के फैसले की आलोचना कर रहा है. कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने कहा कि NDA सरकार ने सभी परंपराओं और रीति-रिवाजों का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा कि भारत की संसद से जुड़ी कुछ परंपराएं हैं और पार्टी से कोई फर्क नहीं पड़ता, हमेशा सबसे सीनियर मेंबर को प्रोटेम स्पीकर बनने का मौका दिया जाता है. ये केवल दो दिनों की बात है, ये संसद के सीनियर सदस्य को दिया जाने वाला सम्मान है, चाहे वह किसी भी पार्टी से हो. दुर्भाग्य से, केरल से आठ बार सांसद रहे एक दलित सदस्य को प्रोटेम स्पीकर बनने के अधिकार से वंचित कर दिया गया है.
हिबी ईडन ने कहा कि ये इस देश के दलित और उत्पीड़ित समुदाय के प्रति एनडीए सरकार के रवैये को दर्शाता है. उन्होंने सभी परंपराओं और रीति-रिवाजों का उल्लंघन किया है...भले ही यह सत्र मुश्किल से 8 दिनों का है, लेकिन विपक्ष के साथ इस पर आम सहमति होनी चाहिए थी क्योंकि हम देश के लगभग 45 प्रतिशत लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
प्रोटेम स्पीकर के रूप में नियुक्त भाजपा सांसद मेहताब नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे और सदन की कार्यवाही की देखरेख करेंगे. राष्ट्रपति मुर्मू ने नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ
ग्रहण में प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए सुरेश कोडिकुन्निल (कांग्रेस), थलिक्कोट्टई राजुथेवर बालू (DMK), सुदीप बंदोपाध्याय (TMC) के साथ-साथ राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते (दोनों भाजपा) को नियुक्त किया है.
भर्तृहरि मेहताब को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने का कांग्रेस लगातार विरोध कर रही है. कांग्रेस के साथ-साथ इंडिया ब्लॉक के सहयोगियों का कहना है कि सीनियरिटी के हिसाब से भर्तृहरि मेहताब की जगह कोडिकुन्निल सुरेश को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए. ये पद संसद के सबसे सीनियर सदस्य को स्वाभाविक रूप से मिलता है. इंडिया ब्लॉक का कहना है कि भर्तृहरि मेहताब सातवीं बार के सांसद हैं, जबकि के सुरेश आठवीं बार सांसद चुने गए हैं.
उधर, भाजपा की ओर से कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक के दावों पर जवाब दिया गया है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि भले ही के सुरेश आठवीं बार के सांसद हैं, लेकिन वे लगातार 8वीं बार नहीं चुने गए हैं. जबकि भर्तृहरि मेहताब लगातार 7वीं बार के सांसद हैं. इस लिहाज से मेहताब को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना बिलकुल सही है.
दरअसल, प्रोटेम स्पीकर लोकसभा का अस्थायी स्पीकर होता है, जो संसद के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाता है. प्रोटेम स्पीकर का चुनाव सत्ता पक्ष ही करता है. हालांकि, संविधान में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति, काम और शक्तियों के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है.
18वीं लोकसभा के पहले सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत नवनिर्वाचित सांसदों का शपथ ग्रहण समारोह होगा. पहला सत्र हंगामेदार रहने की उम्मीद है क्योंकि विपक्ष 26 जून को अध्यक्ष के चुनाव, NEET-UG और UGC-NET में पेपर लीक के आरोपों पर चर्चा और प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति को लेकर विवाद पर भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को घेर सकता है.
26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा. 27 जून को राष्ट्रपति मुर्मू संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने वाली हैं. आम चुनावों के बाद 18वीं लोकसभा का ये पहला सत्र है. 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होकर 3 जुलाई को समाप्त होगा. राज्यसभा का 264वां सत्र भी 27 जून से शुरू होकर 3 जुलाई को समाप्त होगा.