संसद में घुसपैठ करने के बाद हमला करने के आरोपी लखनऊ के सागर शर्मा की एक डायरी पत्रकारों के बीच चर्चा में है. ऐसा लगता है कि उसने इसे 2015 में लिखना शुरू किया था.
शुरुआत में परिवार ने इस बात से इनकार किया कि उनका बेटा कोई डायरी लिख रहा है. लेकिन बाद में उन्होंने HT से पुष्टि की कि वह एक डायरी पढ़ रहा है.
एक परिवार के सदस्य के मुताबिक उसने इसे तब लिखना शुरू किया जब वह सीनियर सेकेंडरी पास किया था. जब वो अपने दोस्त के साथ मिलने के बाद बेंगलुरु से लौटा तो भी जनवरी 2021 में इस तरह के नोट्स लिखे थे."
डायरी के एक हिस्से में लिखा है कि घर छोड़ने का समय हो गया है. एक तरफ बड़ा हौसला है कुछ करने का और दूसरी तरफ डर. उम्मीद है मैं अपने माता-पिता को परिस्थितियों के बारे में बता पाऊंगा." यह 3 जून 2015 की डायरी की एक प्रविष्टि है.
इस डायरी में भगत सिंह को लिखे गए एक पत्र का भी उल्लेख है, जिसे कथित तौर पर सागर ने लिखा है. वो भगत सिंह को "मेरे मालिक और मेरे भगवान" कहकर, बुलाता है. वह भगत सिंह को संबोधित करते हुए कहता है कि, आपके जाने के बाद, मैं अपने देश को आजाद करने की पूरी कोशिश कर रहा हूं.
उसकी डायरी में कई नारे भी हैं, जैसे 'इंसाफ जिंदाबाद'...
इसमें लिखा है, "मैं अमीर नहीं हूं, लेकिन मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूं, मुझे कुछ ऐसे दोस्त चाहिए जो देश के प्रति ईमानदार हों."
डायरी का एक और हिस्सा कहता है कि, मैं अपनी जिंदगी वतन के नाम कर चुका हूं, अब बढ़ा हुआ कदम आजादी की ओर बढ़ाऊंगा.