Parliament Security Breach: संसद भवन में फर्जी आधार कार्ड लेकर घुसने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. संसद की सुरक्षा में तैनात CISF ने कहा कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी अवैध तरीके से संसद के अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे. फिलहाल, दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी से पूछताछ शुरू कर दी है. पिछले साल दिसंबर में भी संसद की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था. संसद की सुरक्षा में चूक के बाद हाल ही में सुरक्षा की जिम्मेदारी CISF को सौंपी गई थी.
संसद की सुरक्षा में चूक का सबसे बड़ा मामला दिसंबर 2001 में उस वक्त सामने आया था, जब आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दहशतगर्दों ने हमला कर दिया था. हमले के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए सुरक्षाकर्मियों ने 5 आतंकियों को ढेर कर दिया था. हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को फांसी की सजा दी गई थी. 2001 में हुए हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और चाक-चौबंद किया गया था. संसद की ओर जाने वाली सड़कों पर दिल्ली पुलिस की ओर से जगह-जगह पर बैरिकेडिंग की गई थी. विजिटर्स के लिए पास की व्यवस्था की गई थी. साथ ही सीसीटीवी कैमरों की संख्या भी बढ़ाई गई थी.
पिछले साल नई संसद में सत्र चलना शुरू हो गया था. पुरानी बिल्डिंग से नई संसद की सुरक्षा में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए थे. नई संसद भवन की बाउंड्री के साथ-साथ एंट्री प्वाइंट के दरवाजों को काफी मजबूत बनाया गया है. इसके अलावा, वार्ड वाइज बांटकर संसद भवन की सुरक्षा की जाती है. नई बिल्डिंग के कैंपस के एक हिस्से में दिल्ली पुलिस के जवानों की तैनाती होती है.
संसद भवन की सुरक्षा में जुटी CISF (Central Industrial Security Force) की स्थापना 10 मार्च, 1969 को हुई थी. शुरुआत में इसकी जिम्मेदारी सरकारी इंडस्ट्रीज की सुरक्षा करना ही था, लेकिन 2009 में इसका विस्तार किया गया. फिलहाल, CISF देश की 350 से ज्यादा प्रतिष्ठानों में तैनात है. इसमें न्यूक्लियर एनर्जी, स्पेस एजेंसी, बंदरगाहों, स्टील प्लांट्स, कोल एरिया, हाइड्रो इलेक्ट्रिक एंड थर्मल पावर प्लांट्स, डिफेंस प्रोडक्शन यूनिट्स, फर्टीलाइजर एंड कैमिकल्स शामिल हैं. इसके अलावा, टकसाल, ताजमहल, 60 से ज्यादा एयरपोर्ट्स, दिल्ली मेट्रो समेत अन्य सरकारी इमारतों की भी सुरक्षा की जिम्मेदारी CISF के पास है. CISF का हेडक्वार्टर दिल्ली में है.