वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (11 फरवरी) को राज्यसभा में बताया कि भारत में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू होने के बाद अप्रत्यक्ष कर दरों में महत्वपूर्ण कमी आई है. उन्होंने बताया कि पुरानी टैक्स व्यवस्था में औसतन अप्रत्यक्ष कर दर 15.8% थी, जबकि GST के लागू होने के बाद यह दर घटकर 11.3% हो गई है.
टैक्स दरों में लगातार गिरावट
तृणमूल कांग्रेस (AITC) के सांसद नदीमुल हक द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि GST लागू होने के बाद से लगातार टैक्स की दरों में गिरावट आई है. उन्होंने बताया कि पहले रोजमर्रा की वस्तुओं पर 15.8% कर लगता था, लेकिन अब यह घटकर 11.3% हो गया है. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि GST लागू होने के बाद किसी वस्तु पर कर भार नहीं बढ़ा है, बल्कि कई उत्पादों पर टैक्स दरों में कटौती की गई है.
The effective capital expenditure is 4.3% & the fiscal deficit is 4.4 % of the GDP for 2025-26. It indicates that govt is using entire borrowed resources for financing effective capital expenditure, creating capital assets: FM @nsitharaman in #LokSabha #BudgetSession2025 pic.twitter.com/USveLRlhxu
— SansadTV (@sansad_tv) February 11, 2025
सरकार का नजरिया और सुधार की प्रक्रिया
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी बताया कि GST काउंसिल द्वारा निरंतर दरों में कटौती की जा रही है. सांसद हक ने यह सवाल भी पूछा कि क्या सरकार GST स्लैब्स की संख्या घटाने पर विचार कर रही है, जैसा कि इनकम टैक्स में किया गया था. इस पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि GST काउंसिल सहकारी संघवाद का एक प्रमुख उदाहरण है, और यह सभी फैसले सामूहिक रूप से काउंसिल में लिए जाते हैं.
बजट का फोकस "गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी" पर है। इसका आधार कृषि, MSMI और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं और सुधारों को प्रस्तुत करना था, जो विकास, ग्रामीण समृद्धि और लचीलेपन के प्रावधान के साथ-साथ विकास के इंजन के रूप में थे: वित्त मंत्री @nsitharaman @FinMinIndia pic.twitter.com/qS0de1aa86
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GST परिषद और मंत्री समूह की भूमिका
वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि GST दरों के निर्धारण में केंद्र सरकार का अकेले कोई निर्णय नहीं होता. यह पूरी तरह से GST काउंसिल के निर्णयों पर निर्भर करता है, जिसमें सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं. चौधरी ने कहा कि 45वीं GST परिषद बैठक के बाद, एक मंत्री समूह (GoM) का गठन किया गया था, जो GST दर संरचना की समीक्षा करेगा और आवश्यक सुधारों की सिफारिश करेगा.
A major step has been brought in, 4th since independence, to improve operational efficiency in ministries. They had to come to us seeking permissions for small amounts. Ministries are more empowered now, so decision regarding dispersal of money is quicker: FM @nsitharaman pic.twitter.com/Cxbf5RRVCj
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राज्य सरकारों की स्वतंत्रता और प्रस्तावों का अधिकार
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों के वित्त मंत्रियों को यह स्वतंत्रता है कि वे अपने राज्य की जरूरतों के अनुसार GST दरों में बदलाव का सुझाव दें. अगर कोई राज्य किसी वस्तु पर कर दर को कम या ज्यादा करना चाहता है, तो वह यह प्रस्ताव GST काउंसिल में रख सकता है.
2014 से पहले 45% घरों में LPG कनेक्शन नहीं था- वित्तमंत्री
लोकसभा में वित्त मंत्री ने बोलते हुए कहा,' 2014 से पहले 45% घरों में LPG कनेक्शन या स्वच्छ ईंधन नहीं था. अब करीब 32 करोड़ घरों तक, यानि करीब 100% घरों तक खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन उपलब्ध है. 10.3 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को 503 रु में LPG सिलेंडर मिल रहा है.